रिपोर्ट राजेश कुमार यादव
नई दिल्ली
कई बार आप किसी के अकाउंट में ऑनलाइन पैसा भेजते हैं तो वह किसी और के खाते में चला जाता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। यूपीआई और आईएमपीएस की तरह अब एनईएफटी और आरटीजीएस के जरिए पैसा भेजने के लिए लाभार्थी के बैंक खाते के सत्यापन की सुविधा मिलेगी। रिजर्व बैंक (RBI) ने ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर करने में होने वाली गड़बड़ी को रोकने के लिए कदम उठाया है। इसके तहत केंद्रीय बैंक ने भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) से एक ऐसी सुविधा विकसित करने को कहा है जिससे आरटीजीएस और एनईएफटी का उपयोग करने वाले ग्राहकों को उस बैंक खाते के नाम को सत्यापित करने की अनुमति मिल सके जिसमें पैसा भेजा जा रहा है। यह व्यवस्था एक अप्रैल, 2025 से प्रभाव में आएगी। रिजर्व बैंक ने सोमवार को एक सर्कुलर में कहा कि रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) यानी वास्तविक समय पर भुगतान से जुड़ी प्रणाली और राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक कोष अंतरण (NEFT) प्रणाली से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जुड़े सभी बैंकों को सलाह दी जाती है कि वे एक अप्रैल, 2025 से पहले यह सुविधा प्रदान करें।