गाजियाबाद में हथियार तस्कर गिरफ्तार : ग्रेजुएट कर रहा था असलहों की तस्करी, लोकसभा चुनाव 2024 को प्रभावित करने की थी तैयारी -

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रिपोर्ट राजेश कुमार यादव

गाजियाबाद  : गाजियाबाद क्राइम ब्रांच ने लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली एनसीआर में अवैध असलहों की तस्करी करने वाले गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। क्राइम ब्रांच ने अन्तर्राज्यीय असलहा तस्करों को थाना मसूरी क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है। पकड़े गए दोनों आरोपियों के कब्जे से 1 पिस्टल, 5 तमंचे तथा तस्करी में प्रयुक्त क्रेटा कार बरामद की गई है। ये दोनों शातिर बदमाश दिल्ली से सटे गाजियाबाद में अवैध असलहों को बेचकर मोटा मुनाफा कमा रहे थे। इनमें से एक 12 वी तक पढ़ा है जबकि दूसरा ग्रेजुएट है।

यह है पूरा मामला

पकड़े गए आरोपी 25 वर्षीय सौरभ ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह 12वीं पास है और प्रताप विहार के विजय नगर में रहता है। वह इलेक्ट्रिक स्कूटी सेल परचेज की दुकान पर काम करता था। उसने बताया कि सैलरी नहीं मिलने के कारण वह फास्ट फूड का स्टॉल लगाने लगा। वह मूल रूप से अलीगढ़ का रहने वाला है उसके गांव बिसोली के कुछ लोग अवैध पिस्टल व तमंचा बनाने और तस्करी का काम करते हैं। कुछ दिन पहले सौरभ का सम्पर्क उसके गांव के ही कालू उर्फ योगेश फौजदार से हुआ जो अवैध पिस्टल व तमंचों की तस्करी का काम करता है। जिसने बताया कि अवैध पिस्टल व तमंचों की तस्करी के काम में काफी आमदनी होती है। सौरभ पैसो की कमी की वजह से परेशान चल रहा था तो वह कालू उर्फ योगेश उपरोक्त से अवैध पिस्टल व तमंचे खरीदकर गाजियाबाद, नोएडा व दिल्ली एनसीआर में सप्लाई करने लगा। इसी बीच उसका सम्पर्क केतन उर्फ हैप्पी यादव से हुआ जो आपराधिक प्रवृत्ति का है। 

35 हजार रुपये में बेचते थे पिस्टल और 3 हजार रुपये में तमंचा

 सौरभ ने बताया कि वह केतल के साथ मिलकर असलहों की तस्करी करने लगा था। ये लोग कालू से 32 बोर पिस्टल को 20 हजार रुपये व 315 बोर तमंचा 2 हजार रुपये में खरीदते थे। तथा उसे पिस्टल को 35 हजार में व तमंचे को 3 हजार रुपये में बेच देते थे। इसके दूसरे साथी केतन उर्फ हैप्पी यादव (29 वर्ष) ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह ग्रेजुएट है तथा विजय नगर में अपने मामा के साथ प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता है। पूर्व में कई बार मादक पदार्थ की तस्करी व अन्य मामलों में जेल जा चुका है। जेल में बहुत से आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों से उसकी दोस्ती हो गई थी। हैप्पी की दोस्ती सौरभ से पहले से थी। सौरभ ने हैप्पी को बताया था कि असलहों की तस्करी में काफी मुनाफा है। तो हैप्पी ने सौरभ के साथ मिलकर अवैध पिस्टल व तमंचे अपने जानने वाले आपराधिक प्रवृत्ति के लोगो व उनके सम्पर्क वाले अपराधियों को सप्लाई करने का काम शुरू कर दिया। जिसमें उन्हें काफी मुनाफा होने लगा ।।

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