Chandigarh - चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार (20 फरवरी) को सुनवाई हुई हैं । सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि रिटर्निंग अफसर अनिल मसीह के खराब किए बैलट पेपर वैध माने जाएंगे। कोर्ट ने ये भी कहा कि वोटों की गिनती दोबारा हो और नया मेयर चुना जाए।

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रिपोर्ट राजेश कुमार यादव

नई दिल्ली

मामले की सुनवाई CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच कर रही है।

20 फरवरी: कोर्टरूम लाइव

सुनवाई शुरू होते ही CJI चंद्रचूड ने कहा- अगर ज्यूडिशियल ऑफिशयल आ गए हों तो हम चुनाव के दिन टेम्पर किए गए 8 बैलट पेपर्स देखना चाहेंगे। इसके बाद ज्यूडिशियल अफसर ने बैलट पेपर्स बेंच को सौंपे। CJI डीवाई चंद्रचूड़ साथियों को देखकर मुस्कुराए और अपने साथियों जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा के साथ चर्चा करने लगे।

CJI: कुलदीप कुमार कौन हैं?

पंजाब सरकारः इस मामले में पिटीशनर हैं।

CJI: देखिए मिस्टर अनिल कुमार और मनोज कुमार यहां 8 बैलट पेपर को अवैध कर दिया गया। आठों पर कुलदीप कुमार का स्टैम्प लगा था। रिटर्निंग अफसर ने नीचे साइन किया और हर जगह सिंगल लाइन खींच दी। मिस्टर मसीह आपने कहा था कि आपने जहां-जहां लाइन खींची है, वो बैलट खराब कर दिए गए थे। ये कहां खराब किए हैं?

कुलदीप कुमारः ये सिर्फ एक लाइन है। ये केवल पेन लगाया है। इससे बैलट इनवैलिड नहीं हो गए। रिटर्निंग अफसर मसीह वीडियो पर बैलट पेपर खराब करते दिखे हैं। इसके बाद वो चुप रहे और अदालत में आए। उन्होंने सोचा कि वो बच जाएंगे और हम सबको गुमराह करते रहे।

सुप्रीम कोर्ट: चंडीगढ़ मेयर चुनाव में डाले गए वोटों की दोबारा गिनती की जाए। निशान लगाए गए सभी 8 बैलट्स को वैध माना जाए और इनके आधार पर वोटों की गिनती हो।

सोमवार को CJI ने खुद बैलट पेपर की जांच करने का कहा था

सोमवार 19 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने मेयर चुनाव के सभी बैलट पेपर और वीडियो को दिल्ली तलब किया था। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि वे खुद उन बैलट पेपर की जांच करेंगे, जिनमें छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया है। रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह को कोर्ट में मौजूद रहने को कहा गया है। इसके अलावा, मेयर चुनाव दोबारा नए सिरे से करवाने की बजाय वर्तमान मतपत्रों के आधार पर घोषित करने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि वह निर्देश देगा कि मेयर चुनाव में डाले गए वोटों की गिनती उन निशानों को नजरअंदाज करके की जाए, जो पिछले पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने पेन से लगाए थे।

सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट रजिस्ट्रार जनरल से कहा कि मंगलवार को कोर्ट में बैलट पेपर्स और वीडियो लाने के लिए एक ज्यूडिशियल अफसर की नियुक्ति कीजिए। कोर्ट ने प्रशासन को निर्देश दिए कि ज्यूडिशियल अफसर और रिकॉर्ड्स की सुरक्षा के लिए व्यवस्था कीजिए।

अदालत मंगलवार को 2 बजे के बाद चुनाव का पूरा वीडियो और बैलट पेपर्स की जांच करेगी। CJI: SC ने मसीह से पूछा कि आपने किस कानून के तहत बैलट पेपर पर हस्ताक्षर किए हैं।

मसीहः जो मतपत्र खराब हो गए थे, उन्हें अलग करना था और उनकी पहचान के लिए ही मैं ऐसा कर रहा था। वहां इतने सारे कैमरे थे कि मैं बस उन्हें ही देख रहा था।

CJI: वीडियो में दिख रहा है कि आपने क्रॉस का निशान लगाया था? ऐसा क्यों किया और कितने बैलट पेपर पर किया।

मसीहः ऐसा मैंने इसलिए किया ताकि विकृत पेपर की बाद में पहचान की जा सके और मैंने ऐसा 8 बैलट पेपर पर किया था। उम्मीदवारों ने मतपत्रों को छीन लिया था, उन्हें मोड़ दिया था और उन्हें खराब कर दिया था। इसलिए उनकी पहचान के लिए ही क्रॉस का निशान लगाया। CJI: आप चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर रहेथे। बैलट पेपर को  खराब करने का काम आप क्यों कर रहे थे? आपको केवल कागजात पर हस्ताक्षर करने थे। नियमों में यह कहां प्रावधान है कि आप मतपत्रों में अन्य चिह्न लगा सकते हैं। सॉलिसिटर साहब, इन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। हम जिला उपायुक्त को निर्देश जारी करेंगे कि वह एक नया रिटर्निंग ऑफिसर नियुक्त करे और बैलटपेपर पर लगाए गए निशानों को नजरअंदाज कर दोबारा से उनकी गिनती कर नतीजे घोषित किए जाएं। ये पूरी   प्रक्रिया हाईकोर्ट की निगरानी में होनी चाहिए।कोर्ट रूम लाइव...

CJI: (सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से) क्या मेयर ने पद से इस्तीफा दे दिया है?

सॉलिसिटर जनरल: हां, इस चुनाव को लेकर

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