रिपोर्ट राजेश कुमार यादव
ग्रेटर नोएडा : प्राधिकरण से मुआवजा उठाने के बावजूद किसानों की मिलीभगत से कुछ माफियाओं ने सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया है। खासतौर पर ग्रेटर नोएडा वेस्ट में स्थित बिसरख, जलपुरा और हैबतपुर गांव में कॉलोनाइजरों के द्वारा कॉलोनी काटी जा रही है। करीब 2 लाख वर्ग मीटर जमीन पर अवैध कॉलोनी बन गई है। इस जमीन की कीमत करोड़ों में है।
इन लोगों पर भी होगी कानूनी कार्रवाई
जानकारी मिलने के बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अपनी जमीन को वापस लेने का काम शुरू कर दिया है। कुछ दिन पहले ग्रेटर नोएडा वेस्ट के काफी गांव में प्राधिकरण की टीम लाव-लश्कर के साथ पहुंची और अपनी जमीन को वापस ले लिया। इसके अलावा उन कॉलोनी काटने वालों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई करने का फैसला लिया गया है।
पिछले 5 सालों में तेजी से बनी अवैध कॉलोनियां
जानकारी के अनुसार इन तीन गांव में कई सालों से जमीन पर कब्जा हो रहा था, लेकिन इसकी निगरानी में अफसरों ने कमी की। जिसका असर यह हुआ है कि करीब 5 सालों में ग्रेटर नोएडा वेस्ट की जमीन पर माफियाओं ने कब्जा कर लिया। बड़ी बात यह है कि जमीन पर आलीशान घर बन गए हैं। यह उस जमीन की हालत है, जिसका किसानों ने काफी समय पहले मुआवजा उठा लिया था। हालांकि, अब सीईओ के नेतृत्व में अपनी जमीन को वापस लेने का काम किया जा रहा है।
अपनी जमीन को वापस लेकर रहेंगे : रवि कुमार एनजी
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रवि कुमार एनजी का कहना है कि अथॉरिटी के द्वारा अपनी जमीन को दोबारा से चयनित किया गया है। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की जिस जमीन पर कब्ज किया हुआ है, उसको वापस लेने का काम किया जा रहा है। इसके लिए एक टीम का गठन किया गया। वह टीम शहर के अलग-अलग स्थान पर जाकर अपनी जमीन को नापती हैं। उसके बाद अगर कमी होती है तो नक्शे के अनुसार जांच की जाती है। सीईओ का कहना है कि अभी तक करोड़ों रुपए की जमीन को प्राधिकरण के अधिकारी वापस ले चुके हैं और यह अभियान लगातार जारी रहेगा।