यातायात माह का नहीं दिखाई दिख रहा असर, राहगीर हो रहे हलकान

A G SHAH . Editor in Chief
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 राजेश कुमार यादव की रिपोर्ट

गोरखपुर। रेलवे बस स्टेशन पर यातायात माह में भी लग रहा प्रतिदिन रोड़ों पर जाम आने जाने वाले राहगीर हो रहे परेशान ट्रैफिक पुलिस यातायात माह में भी राहगीरों को नहीं दे पा रही राह जिससे राहगीर अपने गंतव्य को बिना रोक-टोक  कर सकें पार पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों ने रोडवेज के आला अधिकारियों को  लगा चुके हैं फटकार फिर भी अपने कर्तव्यों का पालन करने में बरत रहे कोताही रोडवेज बस सड़क पर ही रोडवेज स्टैंड होने की वजह से राहगीरों की मुश्किलें बढ़ गई है। मामला नया तो नहीं है यातायात  माह में ट्रैफिक अफसरों की अनदेखी की वजह से मुसाफिरों का सफर मुश्किल भरा हो गया है। रोडवेज बस बकायदा एक लेन की सड़क को कब्जा तो कर ही लिया है दूसरे तरफ भी गाड़ी खड़ी कर जाम  लगाने का कार्य करते वह भी यातायात माह में पुलिस को अफसर को जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी। लेकिन, इसे हटाने में न ही परिवहन विभाग की दिलचस्पी है और न ही पुलिस ही ध्यान दे रही है। ट्रेफिक पुलिस प्रशासन  अभियान दो चलाती है दो दिन बाद ही औंधे मुंह गिर जाती  है और फिर से मुसाफिर उसी सांसत में सफर करने को मजबूर हो जाते हैं। प्रति दिन यूनिवर्सिटी चौराहे से रेलवे स्टेशन मार्ग के सड़क पर रोडवेज की बसें खड़ी रहती हैं, बस के चालक और परिचालक बसों को सड़क पर ही रोककर उसमें सवारी भरते हैं, ऐसे में इस मार्ग पर लगने वाले जाम की समस्या से लोगों को रेलवे स्टेशन जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लेकिन, रोडवेज प्रशासन को राहगीरों की समस्याओं पर आंखें बंद किए रहता है। ट्रैफिक पुलिस द्वारा अगर करवाई किया जाता है तो वहीं रोडवेज बस के ड्राइवर झूठा आरोप लगाकर पुलिस जवानों को फसाने का भी कार्य करते हैं राहगीरों को राह देने के लिए प्रशासन को कठोर कार्रवाई करना चाहिए जिससे रेलवे स्टेशन से यूनिवर्सिटी चौराहे तक जाने आने वाले राहगीरों को राह आसानी से मिल सके।

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