बीएचयू की छात्रा अर्चिता सिंह पर अभद्र टिप्पणी को लेकर कार्य वाही.की मांग
छात्रों ने लंका थाने मै दी तहरीर
रिपोर्ट साधना सिंह एडवोकेट. मीडिया सलाहकार उत्तर प्रदेश
वाराणसी उत्तर प्रदेश दिनांक 20,,अप्रैल 2025
बीएचयू की छात्रा अर्चिता सिंह पर अभद्र टिप्पणी, छात्रों में आक्रोश, दोषी पर कार्रवाई की मांग
वाराणसी, 20 अप्रैल 2025: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) एक बार फिर विवादों में है। विश्वविद्यालय की छात्रा अर्चिता सिंह के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणी को लेकर कैंपस का माहौल गर्म हो गया है। यह घटना तब सामने आई जब अर्चिता सिंह द्वारा किसी सामाजिक मुद्दे पर अपनी राय सार्वजनिक रूप से साझा की गई, जिसके बाद एक अज्ञात व्यक्ति ने उन्हें अपमानजनक और आपत्तिजनक भाषा में निशाना बनाया।
क्या है मामला?
अर्चिता सिंह, बीएचयू की एक सक्रिय और जागरूक छात्रा हैं, जो विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर मुखर रहती हैं। हाल ही में उन्होंने विश्वविद्यालय में छात्राओं की सुरक्षा और अधिकारों से जुड़ा एक बयान सोशल मीडिया पर साझा किया था। इसके जवाब में एक व्यक्ति ने न केवल उनके चरित्र पर सवाल उठाए, बल्कि अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए निजी टिप्पणी की, जो न केवल महिला विरोधी बल्कि आपराधिक श्रेणी में भी आती है।
छात्रों का विरोध प्रदर्शन
इस घटना के बाद बीएचयू के छात्रों में गहरा आक्रोश देखा गया। विश्वविद्यालय परिसर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। छात्रों ने एकजुट होकर विश्वविद्यालय प्रशासन से आरोपी की पहचान कर उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। छात्रसंघ नेताओं ने कहा कि यह मामला सिर्फ अर्चिता सिंह का नहीं, बल्कि हर उस छात्रा का है जो अपनी बात रखने से डरती है।
अर्चिता सिंह का बयान
अर्चिता सिंह ने इस मामले पर कहा, "मैं किसी से डरने वाली नहीं हूं। मेरी आवाज को दबाने की यह कोशिश सफल नहीं होगी। मैं चाहती हूं कि ऐसे मानसिकता रखने वालों को सज़ा मिले ताकि कोई और लड़की इस तरह के दुर्व्यवहार का शिकार न हो।"
प्रशासन की प्रतिक्रिया
विश्वविद्यालय प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच कमेटी गठित करने की घोषणा की है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यदि दोषी छात्र पाया गया तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
सोशल मीडिया पर समर्थन
अर्चिता सिंह को सोशल मीडिया पर व्यापक समर्थन मिल रहा है। कई छात्रों, पूर्व छात्रों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने #JusticeForArchita के तहत पोस्ट शेयर कर न्याय की मांग की है।
क्या कहते हैं कानून विशेषज्ञ?
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की अभद्र टिप्पणी आईटी एक्ट की धारा 67 और IPC की धारा 509 के अंतर्गत अपराध की श्रेणी में आती है, और आरोपी को जेल भी हो सकती है।