राम मंदिर और विश्वनाथ मंदिर का मुहूर्त देने वाले गणेश्वर शास्त्री ने दूर किया असमंजस,एक नवंबर को मनेगी दिवाली

A G SHAH . Editor in Chief
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रिपोर्ट साधना सिंह एडवोकेट मीडिया सलाहकार उत्तर प्रदेश

वाराणसी

दिवाली की तारीख को लेकर इस बार काफी कन्फ्यूजन है।इसी बीच श्रीराम मंदिर और काशी विश्वनाथ मंदिर का मुहूर्त देने वाले आध्यात्मिक नगरी काशी के पंडित गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ ने इसके लेकर असमंजस दूर किया। 

उन्होंने कहा कि दीपावली का सर्वोत्तम मुहूर्त एक नवंबर को मिल रहा है। देश भर से आए 250 से अधिक सवालों को समझने के बाद दो दिन तक शास्त्र व पंचांगों का अध्ययन किया,फिर निष्कर्ष निकाला। एक नवंबर को उदया तिथि में प्रदोष और सूर्यास्त के बाद अमावस्या भी मिल रही है। इसके साथ ही स्वाति नक्षत्र और प्रतिपदा मिल रही, जो कि महालक्ष्मी पूजन के लिए सर्वोत्तम है।

बता दें कि गीर्वाणवाग्वर्धिनी सभा के परीक्षाधिकारी मंत्री गणेश्वर शास्त्री द्राविड़, वैदिक सिद्धांत संरक्षिणी सभा के दत्तात्रेय नारायण रटाटे और श्री वल्लराम शालिग्राम सांग्वेद विद्यालय के अध्यक्ष विशेश्वर शास्त्री द्राविड़ ने दो दिनों तक धर्मग्रंथों, देश भर के पंचांगों का अध्ययन किया।

गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ का कहना है कि पांच प्रमुख पंचांगों में से तीन ने एक नवंबर को दीपावली मनाने का निर्णय दिया है। उन्होंने कहा कि धर्मग्रंथों के अनुसार लक्ष्मीपूजन सूर्यास्त होते ही प्रदोषकाल में करने का विधान है। उसके लिए सूर्यास्त के बाद अमावस्या का एक घटिका अर्थात 24 मिनट तक रहना अनिवार्य है। इसके अनुसार अपने शहर,गांव में सूर्यास्त का समय देखकर सूर्यास्त के बाद 24 मिनट अमावस्या के रहने पर एक नवंबर को लक्ष्मी पूजन करें। सूर्यास्त के बाद 24 मिनट से कम अमावस्या के रहने पर 31 अक्तूबर को दीपावली का लक्ष्मी पूजन करें।  

पं. विशेश्वर शास्त्री द्राविड़ ने कहा कि काशी विद्वत परिषद ने 31 अक्तूबर को दीपावली मनाने का जो निर्णय दिया है, वह पूरी तरह से सही नहीं है। काशी विद्वत परिषद को अपने दावों का फिर से परीक्षण करने की आवश्यकता है।

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