सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि ज़मानत की शर्त के तौर पर किसी आरोपी को कोई कोर्ट अपनी गूगल पिन लोकेशन जांच अधिकारी के साथ साझा करने को नहीं कह सकता

A G SHAH . Editor in Chief
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रिपोर्ट राजेश कुमार यादव

नई दिल्ली

कोर्ट ने कहा कि ज़मानत देने की एवज में कोई ऐसी शर्त नहीं लगाई जा सकती जिसके  जरिए आरोपी की  गतिविधियों पर लगातार नज़र रखी जाए। आरोपी को गूगल पिन लोकेशन साझा करना भी ऐसी शर्त है, जो आरोपी की निजता का उल्लंघन करती है।

SC ने ये आदेश  ड्रग्स केस में आरोपी एक नाजीरियन नागरिक की अर्जी पर सुनवाई के दौरान दिया। दिल्ली HC ने ज़मानत देते वक्त उसे  अपने मोबाइल में गूगल मैप पिन को जांच अधिकारी के साथ शेयर करने को कहा था ताकि उसकी लोकेशन को ट्रैक किया जा सके। SC ने ज़मानत की इस शर्त को खारिज कर दिया

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