बागमती समेत कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर, सैकड़ों घरों में घुसा बाढ़ का पानी; उफान पर कोसी

A G SHAH . Editor in Chief
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रिपोर्ट राजेश कुमार यादव

मोतिहारी नेपाल में भारी बारिश के कारण कारण बिहार में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। मोतिहारी, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, पूर्णिया और मुजफ्फरपुर के निचले इलाकों में बसे सैकड़ो घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाने से आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। हजारों की आबादी का संपर्क प्रखंड और जिला मुख्यालय से कट गया है और बाढ़ के खतरे को देखते हुए हजारों की आबादी पलायन करने को मजबूर है। बाढ़ आने की वजह से सभी जिलों में हजारों एकड़ में लगी खरीफ फसल और सब्जी की खेती तबाह हो गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि नदी के दोनों ओर स्थित तटबंध पर भारी दबाव है। जिन इलाकों में तटबंध रेनकट या अन्य कारणों से क्षतिग्रस्त हैं वहां लोगों में दहशत की स्थिति बनी हुई है।मुजफ्फरपुर के कटरा, औराई के इलाके में बाढ़ आ जाने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। इन इलाकों में कई स्कूल पानी में डूब गए हैं। शनिवार के बाद से जलस्तर में लगातार वृद्धि होने से इलाके के लोग काफी डरे हुए हैं। कटरा की अंचलाधिकारी मधुमिता कुमारी ने बताया कि क्षेत्र से बागमती नदी के जलस्तर में वृद्धि की सूचना मिल रही है। जिला प्रशासन और जल संसाधन विभाग के साथ समन्वय बनाकर राहत और बचाव के लिए आवश्यक का तैयारी की जा रही है। कटरा के तीन पंचायत में पांच सरकारी नाव उपलब्ध कराए गए हैं। जल संसाधन विभाग के द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार पिछले 24 घंटे से उत्तर बिहार के विभिन्न जिलों में नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी देखी जा रही है। बागमती के अलावा गंडक, बुढ़ी गंडक, कोसी महानंदा और कमला बलान नदिया भी उफान पर हैं। इस वजह से चंपारण, मुजफ्फरपुर, मधुबनी और पूर्णिया जिले के कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

कोसी का पानी कलबलिया में उतरा, बाढ़ का खतरा

इधर कोसी नदी का पानी अब धीरे-धीरे चारो तरफ फैलने लगा है। कोसी का पानी कलबलिया नदी में उतर आया है, जिससे कई गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। संख्या में खेतों में पानी घुस जाने के बाद फसलें डूब गई हैं। वहीं किसान फसल डूबने के डर से कच्ची फसल काट रहे हैं। लखी घाट पर नदी के पार जानेवाला बांध भी टूट गया है, जिससे गांव के लोगों का नदी के पार से सम्पर्क भंग हो गया है। लोग अपने खेत नहीं जा पा रहे हैं अब नाव ही सहारा बच गया है।वहीं रंगरा के स्लुइस गेट पर पानी के दबाब का खतरा मंडराने लगा है। इस सलुइस गेट के टूटने से मुरली, चन्दरखरा, लतरा, भवानीपुर, गोपालपुर सहित कई गांव बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं। कोसी का पानी तेजी से डुमरिया, तिरासी, सुकटिया बाजार होकर सिमरिया करारी तीनटंगा की ओर बढ़ने लगा है।सिंहकुंड में ट्रांसफार्मर कराया शिफ्ट खरीक प्रखंड के सिंहकुंड गांव के छड्ड़ापट्टी, जिलेबियामोड़ और सिमतरला समेत विभिन्न जगहों पर कोसी नदी का भीषण कटाव का कहर जारी है। कोसी लगातार गांव की ओर बढ़ रहा है। वहीं, रविवार को जिलेबियामोड़ टोला में लगे ट्रांसफार्मर को ग्रामीणों ने संभावित खतरे को देखते हुए हटाकर सुरक्षित स्थल पर शिफ्ट किया। इस दौरान दिन भर पूरे गांव की बिजली आपूर्ति बाधित रही, जो देर शाम बहाल हुई। ग्रामीण सूरज सिंह राजपूत, उमेश ठाकुर, सौरभ कुमार, सविता कुमारी, अजय सिंह आदि ने बताया कि कटाव इतना तेज है कि बचाव कार्य भी कारगर साबित नहीं हो रहा है।

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