युवक के पीछे ही पड़ गया सांप,एक महीने में 5 बार डसा,डर से मौसी के घर भागा तो वहां भी हुआ ये हाल

A G SHAH . Editor in Chief
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रिपोर्ट राजेश कुमार यादव

फतेहपुर।एक युवक को एक महीने में सांप ने पांच बार डसा, लेकिन हर बार युवक की जान इलाज के बाद बच गयी।ये कहानी भले ही आपको फिल्मी लगे पर ये घटना उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में घटी है।यहीं नहीं सांप के खौफ से युवक अपने मौसी के घर चला गया और इसके बाद वहां भी उसे सांप ने डस लिया।युवक का इलाज करने वाले डॉक्टर भी हैरान हैं कि कैसे सांप काटने के बाद वो बार-बार ठीक हो जा रहा है।

बता दें कि ये पूरा मामला फतेहपुर जिले के मलवा थाना क्षेत्र के सौरा गांव का है।सौरा गांव में रहने वाले 24 वर्षीय विकास दुबे को एक से डेढ़ महीने के अंदर सांप ने पांच बार डसा,लेकिन हर बार विकास इलाज के बाद ठीक हो गया। अभी भी विकास का इलाज एक प्राइवेट हॉस्पिटल में चल रहा है।क्योंकि पिछले दिनों ही सांप ने विकास को डसा था।

इस घटना के बारे में जानकारी देते हुए विकास दुबे ने बताया कि दो जून की रात 9 बजे बिस्तर से उतरते हुए पहली बार सांप ने काटा था,जिसके बाद परिजन प्राइवेट नर्सिंग होम में ले गए।वहां दो दिन भर्ती रहा।इलाज के बाद ठीक होकर घर आ गया।

विकास ने बताया कि जब पहली बार सांप ने काटा तो परिजनों को लगा कि यह सामान्य घटना है।मगर 10 जून की रात फिर से सांप ने काट लिया।आनन-फानन परिजन मुझे लेकर अस्पताल भागे।गनीमत रही कि इस बार भी इलाज के बाद ठीक हो गया,लेकिन सांप को लेकर डर बैठ गया था और सावधानी बरतने लगा था।विकास ने बताया कि इसके सात दिन बाद 17 जून को घर में ही सांप ने एक बार फिर से काट लिया,जिससे हालत बिगड़ने लगी और परिजन दहशत में आ गए।फिर उसी अस्पताल में इलाज हुआ और मैं ठीक हो गया। हैरत की बात यह है कि चौथी बार सांप ने 7 दिन भी नहीं बीतने दिया।घटना के चौथे दिन ही सांप एक और बार काट लिया।जब परिजन इलाज के लिए उसे अस्पताल लेकर पहुंचे तो डॉक्टर भी हैरान हो गए।

बता दें कि इस घटना से भयभीत परिजनों और डॉक्टरों की सलाह पर राधा नगर थाना क्षेत्र के राधा नगर मोहल्ले में रहने वाली अपनी मौसी के यहां विकास चला गया था।यहां पर भी सांप ने युवक का पीछा नहीं छोड़ा और शनिवार की देर रात लगभग 12:30 बजे उसे डस लिया था।इस घटना को लेकर लोग तरह-तरह की बातें कर रहे हैं।डॉक्टर भी हैरान हैं।परिवार के लोग भविष्य में अनहोनी की आशंका से भयभीत हैं।

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