डिजिटल अरेस्ट: साईबर ठगी का नया तरीका, अपने ही घर में कैद हो रहे लोग, आप भी हो सकते हैं शिकार।

A G SHAH . Editor in Chief
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राजेश कुमार यादव की कलम से

पहले ठगी कम पढ़े लिखे लोगों के साथ होती थी लेकिन डिजिटल दुनिया में यह उल्टा हो रहा है। समय के साथ ठगी का तरीका बदला और शिकार होने वाले लोग भी बदले। किसी को ठगने के लिए अब उसके पास या उसके घर जाना बिलकुल भी जरूरी नहीं है। आप अपने घर बैठे लोगों को ठग सकते हैं और आप भी ठगे जा सकते हैं। आखिर कौन-सी बला है डिजिटल अरेस्ट? 

डिजिटल अरेस्ट ब्लैकमेल करने का एक एडवांस तरीका है। डिजिटल अरेस्ट स्कैम के शिकार वही लोग होते हैं जो अधिक पढ़े लिखे और अधिक होशियार होते हैं। डिजिटल अरेस्ट का सीधा मतलब ऐसा है कि कोई आपको ऑनलाइन धमकी देकर वीडियो कॉलिंग के जरिए आप पर नजर रख रहा है। डिजिटल अरेस्ट के दौरान साइबर ठग नकली पुलिस अधिकारी बनकर लोगों को धमकाते हैं और अपना शिकार बनाते हैं। यदि आपके पास भी इस तरह की धमकी वाले फोन कॉल आते हैं तो आपको डरने की जरूरत नहीं है। ऐसे कॉल आने पर तुरंत पुलिस में शिकायत करें। यदि कोई मैसेज या ई-मेल आता है तो उसे सबूत के तौर पर पुलिस को दें। यदि किसी कारण आपने कॉल रिसीव कर लिया और आपको वीडियो कॉल पर कोई धमकी देने लगा तो स्क्रीन रिकॉर्डिंग के जरिए वीडियो कॉल को रिकॉर्ड करें और शिकायत करें। किसी भी कीमत पर डरें नहीं और पैसे तो बिलकुल भी ना भेजें।

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