राजकोट, दिल्ली, डोंबिवली अग्निकांड के बाद अग्निशमन सामग्री व्यापार में बड़ी वृद्धि

A G SHAH . Editor in Chief
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मुम्बई 

ललित दवे 


कांड होने के बाद ही क्यों प्रशासन की नींद कुछ दिनों के लिए ही खुलती है ? : शंकर ठक्कर


कॉन्फडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) महाराष्ट्र प्रदेश के महामंत्री एवं अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने बताया राजकोट, दिल्ली , और डोंबिवली में हुए अग्निकांड के बाद अग्निशमन उपकरण धड़ल्ले से बिक रहे हैं। अग्निकांड के बाद पूरे देश में फायर एनओसी नहीं रखने वालों पर प्रशासन हरकत में आकर कार्रवाई कर रहा है। प्रशासन की कार्रवाई के बाद लोग नए अग्निशमन उपकरण खरीदने के लिए दौड़ पड़े हैं।


विशेष कर गुजरात दिल्ली और मुंबई में अधिकतर अग्निशमन


उपकरण विक्रेताओं के यहां भारी भीड़ देखने को मिल रही है। पहले कभी एका दुक्का ग्राहक आते थे। लेकिन इन अग्निकांडो के बाद ग्राहकों में अचानक 60 से 90 % की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। विक्रेता के पास स्टॉक नहीं होने के कारण ग्राहकों को दो दिन की वेटिंग दी जा रही है। इस वर्ष भीषण गर्मी एवं शॉर्ट सर्किट के कारण अग्निकांड की कई घटनाएं देश भर में हो रही है इसलिए प्रशासन ने फायर एनओसी की पुर्तता न करने वाले और जहां ज्यादा लोगों की आवाजाही है ऐसे अस्पताल, स्कूल, कॉलेज सहित संस्थानों को अग्निशमन विभाग द्वारा सील किया जा रहा है।


राजकोट गेम जोन और दिल्ली चाइल्ड केयर में आग लगने की घटना हुई। इसमें मासूम बच्चों समेत कई लोगों की मौत हो गई है। घटना के बाद सरकार एक्शन में आ गई है।और देश भर में, अग्निशमन और स्थानीय प्रशासन ने आग की कमी वाले प्रतिष्ठानों के खिलाफ कार्रवाई की है। बड़े शहरों में स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल,मार्केट समेत कई फैक्ट्रियां फायर सेफ्टी के अभाव में सील कर दी गई हैं। वहीं इस कार्रवाई को लेकर व्यापारियों में हड़कंप मच गया है। फायर एनओसी के लिए जरूरी फायर उपकरण खरीदने के लिए दुकान पर लोगों की भीड़ लग रही है।


इसलिए अग्निशमन सामग्री विक्रेताओं के यहां लोगों की भीड़ देखी जा रही है। राजकोट अग्निकांड के बाद अब लोग जाग रहे हैं और अपने प्रतिष्ठानों में अग्निशमन यंत्र लगा रहे हैं। अग्निशमन सामग्री के व्यापार से जुड़े व्यापारियों का मानना है कि अग्निकांड से पहले वे इस तरह का कारोबार नहीं करते थे, लेकिन राजकोट, दिल्ली अग्निकांड के बाद से ग्राहकों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। पहले हमें घर-घर जाकर या अपने प्रतिष्ठानों में अग्नि सुरक्षा स्थापित करने के लिए लोगों को जागरूक करने की जरूरत थी लेकिन जब से यह एक घटना बन गई दिन भर हमारे यहां अग्निशमन सामग्री लेने के लिए लोगों की भीड़ लग जाती है। हमें ज्यादा समय तक दुकान खुली रखनी पड़ रही है। हमारे पास अब पर्याप्त स्टॉक नहीं है। हमारा पूरा स्टॉक बिक गया है। हम ग्राहकों को दो दिन की वेटिंग दे रहे हैं।' वर्तमान मे राजकोट और दिल्ली घटना के बाद हमारे व्यापार में 68 % की वृद्धि हुई है।


शंकर ठक्कर ने आगे कहा हर बार प्रशासन की नींद इस प्रकार की घटनाओं के बाद ही खुलती है और वह भी कुछ समय के लिए ही ऐसा क्यों ? इस पर केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को आवश्यक नीति बनानी होगी ताकि लोगों की जान माल की नुकसानी से बचा जा सके। सरकार द्वारा निजी प्रतिष्ठानों की तरह ही सरकारी प्रतिष्ठानों मैं जीन में खासकर रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डा, बस स्टेशनो एवं अन्य सरकारी प्रतिष्ठानों में भी अग्निशमन उपकरणों की जांच करनी चाहिए और यदि गड़बड़ियां पाई जाती है तो उसको दुरस्त कर जवाबदार अधिकारी पर कार्यवाही करनी चाहिए।

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