आज दिनांक 23 जून रविवार को मुरादाबाद मे कंपनी स्थित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भवन मे तहरीक"कारवांन ए इत्तेहाद"की महत्वपूर्ण प्रेस कांफ्रेंस हुई, प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कारवांन ए इत्तेहाद के राष्ट्रीय संयोजक जीशान हैदर मलिक ने कहा कि 24 अकटूबर को कारवांन ए इत्तेहाद "क्रांति दिवस"मनायेगा।कयोंकि 24 अकटूबर को 1857 क्रांति के महानायक,भारत के अंतिम मुगल बादशाह,महान क्रांतिकारी "बहादुर शाह जफर"की यौमे पैदाइश है।बहादुर शाह जफर के बारे मे इतिहास है कि बहादुर शाह जफर भारत में मुगल साम्राज्य के आखिरी शहंशाह हैं और उन्होंने प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 क्रांति मे भारतीय क्रांतिकारियों का नेतृत्व किया था।बहादुर शाह जफर का जन्म 24 अकटूबर 1775 को दिल्ली में हुआ था।इनके पिता का नाम अकबर शाह और माता का नाम लालबाई था।भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम मे बहादुर शाह जफर के बेटो और पोतों को ब्रिटिश अधिकारियों ने गोलियों से भून डाला था।1857 मे जब भारत की आजादी की चिंगारी भडकी तो सभी भारतीय विद्रोही सैनिकों और राजा महाराजाओं ने जफर को हिंदुस्तान का राजा मान लिया था।भारतीय सैनिकों ने बहादुर शाह जफर के नेतृत्व में अंग्रेजों की ईंट से ईंट बजा दी।अंग्रेजों के खिलाफ भारतीय सैनिकों की बगावत देखकर 82 साल के बूढ़े बहादुर शाह जफर अंग्रेजों के खिलाफ गरज उठे,उन्होंने भारत से अंग्रेजों को खदेड़ने का आहवान कर दिया।बहादुर शाह जफर ने दिल्ली के लाल किले से देशवासियों से 10 मई 1857 को अपील करते हुए कहा कि" भारत के हिंदुओं मुसलमानों उठो भाईयों उठो अललाह ने जितनी खजाने हम इंसानों को दिये हैं उनमें सबसे कीमती खजाना आजादी है और ये जालिम अंग्रेजी शासक हमसे इस खजाने को हमेशा के लिए छीनना चाहते हैं हमे इनसे लडना होगा और भारत को इनसे आजाद कराना होगा।हिंदुओं को तुलसी शालीग्राम की कसम है मुसलमानों को कुराने पाक की।" यह अपील सुनकर मेरठ के क्रातिकारियों ने दिल्ली कूच कर दिया।और बहादुर शाह जफर के नेतृत्व में भारतीयों ने दिल्ली मेरठ और अन्य हिस्सों में अंग्रेजों की कडी शिकस्त दी।1857 क्रांति के मजबूत विद्रोह को देखकर अंग्रेज थर्रा उठे।उन्होंने धन का लालच देकर बहादुर शाह जफर को खरीदना चाहा लेकिन बहादुर शाह जफर की देशभक्ति और बहादुरी को खरीद ना सके।अंग्रेजों ने बहादुर शाह जफर को गिरफ्तार किया और लार्ड हडसन बहादुर शाह जफर कहता है कि,
" दम दमे मे दम नहीं, खैर मांगो जान की।
ऐ जफर अब ठंडी हुई तेग हिंदुस्तान की ।।
बहादुर शाह जफर ने मुंहतोड़ जवाब देते हुए पलटवार किया,
जब तक बू रहेगी गाजियों मे ईमान की।
तख्त लंदन तक चलेगी तेग हिंदुस्तान की।।
अंग्रेजों ने बहादुर शाह जफर के तीन बेटो और पोते के सिर काटे और चांदी की प्लेट मे रखकर लाल मखमली कपड़े से ढककर बहादुर शाह जफर के सामने नाश्ते के वक्त पेश किए।बहादुर शाह जफर उन्हें देखकर मुस्कुरायें और बोले फिरंगियों मै वो खुशनसीब बाप हूँ कि मेरी औलाद इस मुल्क की आजादी की कुर्बानी मे मुझसे भी आगे निकल गई कयोंकि" अल्हम्दुलिल्लाह तैमूर की औलादें इसी तरह सुर्खरू जंग से वापस आया करती हैं ।"
बहादुर शाह जफर पर लालकिले मे 27 जनवरी 1858 मे मुकदमा चलाया गया और काले पानी की सजा दी गई।बहादुर शाह जफर ने कहा कि भारत मेरा वतन है मै यहीं पैदा हुआ हूँ यहीं मरूंगा।बहादुर शाह जफर की इच्छा पूरी न हो सकी 7 नवंबर 1862 को यंगून मे ही इंतेकाल हो गया उन्होंने जेल की दीवार पर कोयले से अपने दिल का दर्द लिखा...
लगता नहीं दिल मेरा उजडे दयार मे,
एक पल भी सुकून ना मिला ला मकान मे,
कितना बदनसीब है जफर दफन के लिए,
दौ गज जमीं न मिली कुए यार मे
नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने कहा था कि जिस दिन भारत आजाद हो जायेगा हम बहादुर शाह जफर की कब्र की मिट्टी को यंगून से लाकर दिल्ली के लालकिले मे दफन करेंगे, उन्हें तो समय नहीं मिल पाया लेकिन हम अहद करते हैं कि बहादुर शाह जफर की कब्र की मिट्टी को यंगून से लाकर दिल्ली में उनकी खाली कब्र मे दफन जरूर करेंगे।
प्रेस कप्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करने वाले पदाधिकारियों की सूची....
1.जीशान हैदर मलिक-राष्ट्रीय संयोजक तहरीक कारवांन ए इत्तेहाद
2.सैयद सलीम अख्तर-राष्ट्रीय अध्यक्ष
पीपल्स जस्टिस पार्टी
3.नसीर इदरीसी-राष्ट्रीय अध्यक्ष
युवा जनक्रांति पार्टी
4.अकबर नबी इदरीसी -राष्ट्रीय अध्यक्ष
समाजवादी आंदोलन पार्टी
5.डा.अनवर सलीम-राष्ट्रीय अध्यक्ष
नेशनल अमन पार्टी
6.बाबर खां-राष्ट्रीय अध्यक्ष
ऑल इंडिया मुस्लिम फेडरेशन
7.डा.इकरार भारती-अध्यक्ष
सर्व मानव कल्याण ट्रस्ट
8.युसूफ सैफी-डायरेक्टर
सुपर ऐजुकेशनल सोसायटी
9.एडवोकेट नुसरत सैफी-राष्ट्रीय संयोजक
सोशल मूवमेंट आर्गेनाइजेशन
10.अमजद सैफी-अध्यक्ष
रहबर लाईफ फाऊंडेशन
11.साहिल शम्सी-महानगर अध्यक्ष मुरादाबाद
आल इंडिया मुस्लिम फेडरेशन
12.फिरोज खान-अध्यक्ष
नागरिक जनकल्याण समिति
13.मौलाना उमर फारूक जिला पंचायत सदस्य
वार्ड नं24 मुरादाबाद
14.चौधरी मुमताज आलम-
राष्ट्रीय महासचिव
भारतीय किसान यूनियन मुलायम
15.निजामुद्दीन सैफी-सोशल एकटिविस्ट।