फैटी लिवर डिजीज दो तरह के होते हैं

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राजेश कुमार यादव की कलम से

पहला जो ज्यादा शराब पीने से होता है- एल्कोहॉलिक फैटी लिवर और दूसरा जो खराब जीवनशैली, मोटापा और डायबिटीज के कारण होता है- नॉन एल्कोहॉलिक डिजीज है.

चूंकि लिवर बॉडी के सबसे महत्वपूर्ण ऑर्गन में शामिल है. खून को फिल्टर करने से लेकर फैट को बचाने और गंदगी को बाहर निकालने की प्रक्रिया में इसका अहम भूमिका होती है. इसलिए लिवर डिजीज होने पर बॉडी सही तरह से फंक्शन नहीं कर पाता है और गंभीर बीमारियों के चपेट में आ जाता है. बढ़ते स्टेज के साथ फैटी लिवर कैंसर, सिरोसिस, डैमेज का भी कारण बनता है, जिसे आप इन लक्षणों से पहचान सकते हैं-

बढ़ रहे फैटी लिवर की बीमारी का संकेत

पैरों और टखनों में सूजन: फैटी लीवर रोग से जुड़े लिवर डैमेज के कारण पैरों के आसपास के ऊतकों में द्रव जमा हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप सूजन हो जाती है.

पेट में सूजन: एडवांस लिवर डिजीज में पेट में पानी के जमा होने लगता है जिससे पेट फूलने की समस्या होती है. इसकी पहचान सिरोसिस और कैंसर के रूप में भी की जाती है.

तलवों में सूजन: पैरों और टखनों में सूजन के अलावा, जब किसी को गंभीर स्तर का फैटी लीवर रोग होता है तो तलवों में एडिमा भी हो सकती है. इसका अलावा गंभीर बीमारी में चेहरे की सूजन और हाथ में सूजन हो सकती है.

फैटी लिवर कंट्रोल करने के उपाय

यदि आप फैटी लिवर के गंभीर परिणामों से बचना चाहते हैं तो अपने वजन को कंट्रोल करें. इसके लिए प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट व्यायाम करें. लो फैट डाइट लें. कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार (सफेद चावल, आलू, सफेद ब्रेड) को कम से कम खाएं साथ ही फ्रुक्टोज से भरपूर कई जूस और कार्बोनेटेड पेय पीने से बचें. इसके अलावा शराब और धूम्रपान का सेवन ना करें.

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