योग गुरु स्वामी महेश योगीजी की भीष्म प्रतिज्ञा। अयोध्या हनुमानगढ़ी में अनवरत 6 माह तक भोजन त्यागकर 1 करोड़ 51 लाख स्ट्रोक कपालभाति करने का दृढ़ संकल्प

A G SHAH . Editor in Chief
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रिपोर्ट राजेश कुमार यादव

अयोध्या

सिद्धपीठ श्री हनुमानगढ़ी बसंतिया पट्टी अयोध्या के लोकप्रिय संत, हठयोगी महेश दास उर्फ स्वामी महेश योगी की हनुमानगढ़ी निज आश्रम पर 2 अप्रैल 2024 से भोजन का त्यागकर अनवरत 11 घंटे प्रतिदिन कपालभाति की कठोर साधना निरंतर जारी हैं। प्रतिदिन 11 घंटे में उन्होंने एक लाख स्ट्रोक कपालभाति करने का लक्ष्य निर्धारित कर रखा है।

गौर तलब है कि स्वामी जी ने आज 30 दिन की अनवरत साधना पूर्ण करने के साथ-साथ 30 लाख कपालभाति करने का एक नया आयाम स्थापित किया हैं किंतु यह अभी विराम नहीं हुआ है। लगभग एक करोड़ 51 लाख स्ट्रोक कपालभाति करने हेतु उनकी यह साधना अभी अनवरत 6 माह तक जारी रहेगी।

भारत के चारों दिशाओं में चार दिव्य योग धाम ( हनुमान जी की चार धर्मपीठ ) तथा अयोध्या में इन सभी योगपीठ के केंद्र के रूप में ब्रह्मर्षि वशिष्ठ योगपीठ की स्थापना करने हेतु 22 नवंबर 2022 को सिद्धपीठ  हनुमानगढ़ी में अयोध्या के वरिष्ठ संत जनों की उपस्थिति में अपने पूज्य गुरुदेव भगवान की सहमति से स्वामी महेश योगी ने श्री हनुमान जी का आशिर्वाद लेकर 14 वर्ष के अंतराल में यानी सन 2036 तक भारत के चारों दिशाओं में  (पश्चिम भारत गुजरात में रूद्र धाम, उत्तर भारत जम्मू कश्मीर में हनुमत धाम, दक्षिण भारत केरल में रामेष्ठ धाम यथा पूर्वी भारत मेघालय में  पिगाक्ष धाम ) इन चार दिव्य योग धाम की स्थापना का संकल्प लिया था। इस महान उद्देश्य की पूर्ति के लिए स्वामी महेश योगी जी ने 14 वर्षीय यात्रा को सफल आयाम तक ले जाने हेतु पांच संकल्प लिए थे जिसमें से एक 11 दिवस तक अनवरत कपालभाति करने का भी संकल्प रहा। जिसका आयोजन सितंबर 2024 राजधानी दिल्ली में होना सुनिश्चित है। दिल्ली में महेश योगी अनवरत दिन - रात 11 दिवस तक ( यानी 264 घंटे ) लगातार लगभग 21 लाख स्ट्रोक कपालभाति करने का संकल्प पूर्ण करने के उद्देश्य से अयोध्या श्री हनुमानगढ़ी अपने निज आश्रम पर 2 अप्रैल 2024 से भोजन का त्याग कर अनवरत कपालभाति की कठोर हठ योग साधना कर रहे हैं।

योग, कला, साहित्य व अध्यात्म के क्षेत्र में पहले भी अनेकों विश्व कीर्तिमान बनाकर विश्व पटल पर भारत का गौरव बढ़ाया है।

इनके द्वारा अब तक बनाए गए विशेष कीर्तिमानों में अनवरत 76 घंटे तक योग मैराथन करने का विश्व रिकॉर्ड, अनवरत 51 घंटे कपालभाति करने का विश्व रिकॉर्ड, 1 मिनट में 21 बार सूर्य नमस्कार करने का विश्व रिकॉर्ड, एक घंटा 15 मिनट शीर्षासन में कपालभाति करने का विश्व रिकॉर्ड, अयोध्या मां सरयू की गोद में लगातार 2378 बार डुबकियां लगाने का विश्व रिकॉर्ड, चित्रकला के क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी व्यक्ति चित्र श्रृंखला बनाने का विश्व रिकॉर्ड, अब तक 11000 चित्रों का सृजन करने का रिकॉर्ड तथा दिव्य भारत गौरव ग्रंथ एवं भारत ऋषि ज्ञान एनसाइक्लोपीडिया के लेखन कार्य जैसे अनेकों विशिष्ठ कीर्तिमान महेश योगी जी के नाम से दर्ज हैं।

शिक्षा के क्षेत्र में सात बार एम.ए., एमफिल तथा पीएचडी की उपाधि प्राप्त कर चुके महेश योगी विविध विद्यालय एवं विश्वविद्यालय में प्रवक्ता एवं असिस्टेंट प्रोफेसर व डायरेक्टर के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान कर चूके हैं तथा योग, कला व साहित्य में आपने अब तक 32 पुस्तकों का लेखन भी किया है।

 स्वामी महेश योगीजी का जन्म स्थान उत्तर प्रदेश का जनपद सिद्धार्थनगर है ‌।

और शासन द्वारा स्वामी महेश योगीजी के पैतृक गांव का नाम बदलकर ( महेश योगी नगर ) कर दिया गया है। वर्तमान में महेश योगी अयोध्या सिद्धपीठ श्री हनुमानगढ़ी में लगभग दो दशक से श्री हनुमान जी के दास के रूप में योग एवं आध्यात्मिक के क्षेत्र में राष्ट्र की आराधना में सेवारत हैं। योग व आध्यात्म को बढ़ावा देने हेतु अपने दिव्य भारत निर्माण ट्रस्ट एवं भारत योग एसोसिएशन ट्रस्ट की स्थापना भी किया है जो आज संपूर्ण भारतवर्ष में अपनी सेवाएं प्रदान कर रही है।

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