राजेश कुमार यादव की कलम से
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग शॉर्टकट का ही इस्तमाल करते हैं। झंझट खत्म करने के लिए आजकल पेरेंट्स बच्चों की परवरिश करने के दौरान भी मार्किट में आये नए-नए प्रोडक्ट्स का इस्तमाल करते हैं। खाना खिलाना हो, घूमना हो या फिर बाथरूम जैसी समस्या इन सभी परेशानियों को चुटकियों में हल करने के लिए भी प्रोडक्ट मार्किट में हैं। इनमें से कई प्रोडक्ट्स ऐसे है जो बेहद घातक भी हैं। आपको बता दें कि बच्चों को डायपर पहनाने की आदत उनकी किडनी पर बुरा प्रभाव डाल रही है। यह समस्या कामकाजी माता-पिता, एकल परिवार में ज्यादा देखने को मिलती है।
डायपर पहनने से आती हैं ये समस्या
दरअसल, डायपर कसा होने से बच्चे का लिंग में दिक्कतें आती हैं। जिसकी वजह से पेशाब के दबाव में किडनी पर असर पड़ता है। विशेषज्ञों की माने तो अक्सर देखा गया है कि नवजात में पेशाब का रास्ता बंद होना, रास्ता ऊपर या नीचे होना, पेशाब बूंद-बूंद होकर आने की समस्या होती है, लेकिन डायपर के कारण समय पर इसके बारे में पता नहीं चल पाता। इसके कारण पेशाब का दबाव वापस किडनी पर पड़ता है जो उसपर बूरा प्रभाव डालता है। यदि समय पर इसका इलाज न कराया जाए तो किडनी भी खराब हो सकती है।
डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी
विशेषज्ञों का कहना है कि 300 में से एक बच्चे के पेशाब का रास्ता सीधा नहीं होता। यदि सर्जरी करके इन बच्चों के पेशाब के रास्ते को सीधा नहीं करते तो पेशाब का वापस दबाव किडनी पर पड़ता है। इससे किडनी खराब हो सकती है। अक्सर देखा गया है कि माता-पिता इस तरफ ध्यान नहीं देते और नवजात को डायपर पहना देते हैं। धीरे-धीरे समस्या बढ़ जाती है। उबच्चे के पेशाब के रास्ते पर ध्यान देना चाहिए। यदि वह सीधा नहीं है तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसे लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ाने से समस्या कम हो सकती है। बच्चों की सर्जरी को कुशल डॉक्टरों से करवाई जानी चाहिए।