लोकसभा चुनाव पर असर डालेगा शादी का साया : नोएडा में मतदान के दिन घट सकता है वोटिंग प्रतिशत, नेताओं के साथ अफसर भी परेशान -

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रिपोर्ट राजेश कुमार यादव

नोएडा  : लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। दूसरी तरफ प्रशासनिक अधिकारी भी लोगों को मतदान के प्रति जागरूक करने में लगे हैं।  लेकिन इस बार शादी का साया 26 अप्रैल के होने वाले दूसरे चरण के मतदान पर असर डाल सकता है। बताया जा रहा है कि 18 से 28 अप्रैल तक शादी का जबरदस्त साया है। शादी का बड़ा साया होने से वोटिंग प्रतिशत भी घट सकता है। वहीं 26 अप्रैल को शुक्रवार होने के कारण वीकेंड भी शुरू हो जाएगा। जिसके चलते लोगों ने गर्मियों को देखते हुए घूमने का प्लान भी बनाना शुरू कर दिया। अब इसे लेकर राजनीतिक दलों के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारी भी परेशान हैं।  

शादी का साया 18 से 26 अप्रैल

 शादियों के लिए शुभ समय 18 अप्रैल से 26 अप्रैल तक है। इसके बाद 28 अप्रैल को भी शादियां हैं। इस दौरान कुछ लोगों को अपने परिवार के विवाह समारोह में भी शामिल होना पड़ सकता है। ऐसे में वोटिंग प्रतिशत प्रभावित होने की आशंका है। बताया जा रहा है कि राजनीतिक दलों के नेता और प्रशासनिक अधिकारी भी इसे लेकर परेशान हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि आखिर वोट प्रतिशत को अब कैसे बढ़ाया जाए। लोगों को अब मतदान के लिए कैसे जागरूक किया जाएगा। बताया जा रहा है कि शादी का जबरदस्त साया और वीकेंड होने के चलते इस बार वोट प्रतिशत में गिरावट आना पक्का है। 

वीकेंड बिगाड़ेगा मतदान प्रतिशत

      गौतमबुद्धनगर संसदीय सीट के लिए शुक्रवार 26 अप्रैल को मतदान की तारीख घोषित की गई है। इस दिन अवकाश भी घोषित किया गया है। वहीं अगले दो दिन शनिवार और रविवार को भी छुट्टियां हैं। परंपरागत रूप से, शहरी क्षेत्रों के लोग ऐसी लंबी छुट्टियों का लाभ उठाने के लिए पहाड़ों या पर्यटन स्थलों पर जाते हैं। इसमें सबसे ज्यादा अनुपात शहरी इलाकों का है क्योंकि यहां ज्यादातर लोग नौकरीपेशा हैं और उन्हें बड़ी मुश्किल से छुट्टी मिलती है। अब जबकि इस बार तीन दिन की छुट्टी है तो संभव है कि कुछ मतदाता वोट देने का धर्म भूल कर निकल पड़ें। इसलिए ऐसे मतदाताओं को जागरूक करने की जरूरत है। 

मतदान में शहरी पीछे ग्रामीण आगे

प्रत्येक चुनाव में शहरी क्षेत्रों में मतदान का प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में कम होता है। शहरी क्षेत्र में लोगों को मतदान के प्रति हमेशा जागरूक किया जाता रहा है। इसके बावजूद शहरी मतदाता हर बार ग्रामीण मतदाताओं से पिछड़ जाते हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो 2009 के चुनाव में ग्रामीण इलाकों में वोट प्रतिशत शहरी इलाकों से ज्यादा था। यह अनुपात 55 और 45 का है। इसी तरह 2014 के आंकड़ों पर नजर डालें तो शहरी इलाकों में 54 फीसदी और ग्रामीण इलाकों में 64 फीसदी वोटिंग हुई थी। इसी तरह ये सिलसिला 2019 में भी जारी रहा। ऐसे में शहरी मतदाताओं का प्रतिशत घटने से चुनावी समीकरण प्रभावित होगा।

गौतमबुद्ध नगर में पिछले तीन चुनावों में मतदान प्रतिशत:

2009-48.54 प्रतिशत

2014-60.39 प्रतिशत

2019-60.49 प्रतिशत

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