राम मंदिर के आगे ताजमहल का रंग पड़ा फीका : आगरा से ज्यादा अयोध्या पहुंच रहे लोग, दो महीने में मिला 15 करोड़ का दान -

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रिपोर्ट राजेश कुमार यादव

लखनऊ

उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश बदल रहा है। पहले जहां ताजमहल को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी रहती थी, वह अब अयोध्या में बने राम मंदिर से फीकी हो गई। उत्तर प्रदेश में अब पर्यटकों की पसंदीदा जगह ताजमहल नहीं, बल्कि राम मंदिर बना हुआ है। दरअसल, पिछले साल काशी के बाद सबसे ज्यादा लोग अयोध्या पहुंचे हैं। आजकल अयोध्या धार्मिक पर्यटकों का हब बन चुका है। पिछले कुछ सालों में रामनगरी कही जाने वाली अयोध्या का 34 हजार करोड़ की परियोजनाएं से संपूर्ण विकास किया गया है। जिससे अयोध्या में पर्यटकों की संख्या में काफी बढ़ी मात्रा में इजाफा हुआ है। 

राम मंदिर ने ताजमहल को पिछाड़ा

इस बात में कोई दोहराई नहीं है कि प्राण-प्रतिष्ठा जैसे आयोजन ने अयोध्या को ग्लोबल पहचान बनाई है। साथ ही इससे राम मंदिर में स्वदेशी-विदेशी पर्यटकों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। रामनगरी कही जाने वाली अयोध्या में घाटों के सुंदरीकरण, राम की पैड़ी की भव्यता, प्राचीन मंदिरों का सुंदरीकरण, भक्ति का अहसास कराते रास्ते आदि विभिन्न योजनाओं से जहां की सुंदरता बढ़ी है, जिसने श्रद्धालुओं को आकर्षित किया है। जिसके चलते पिछले साल अयोध्या में काशी के बाद सबसे ज्यादा 5,75,15,423 श्रद्धालु पहुंचे। आगरा में जहां हर साल 90 लाख से एक करोड़ लोग पहुंच रहे हैं, वहीं अयोध्या और काशी में पांच करोड़ से अधिक लोग पहुंच रहे हैं।

दो महीने में 15 करोड़ का दान मिला

रामनगरी कही जाने वाली अयोध्या के राम मंदिर की कमाई ताजमहल से भी ज्यादा हो रही है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2022 में टिकटों की बिक्री से ताजमहल को 25,61,73,145 रुपये, जबकि 2021 में 9,53,41,75 रुपये राजस्व प्राप्त हुआ। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा के बाद दो महीने में ही रामलला को करीब 15 करोड़ का दान प्राप्त हो चुका है। इसके अलग बड़ी मात्रा में सोने-चांदी और अन्य धातुएं भी प्राप्त भी हो रही हैं। आपको बता दें कि 2023 में यूपी में सबसे ज्यादा पर्यटकों अयोध्या में  5,75,15,423 आए हैं। फिर काशी में 8,40,41,155 और आगरा में 90,60,665 आए है। जिसके बाद मथुरा में 93,25,124 पर्यटक आए हैं।

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