छोटे से शहर में कोचिंग सेंटर की हर माह थी करोड़ों में कमाई, राज जान सन्न रह गए अधिकारी

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रिपोर्ट राजेश कुमार यादव

मुजफ्फरपुर

मुजफ्फरपुर में बीते कुछ दिनों से लगातार साइबर ठगी के मामलों ने पुलिस की नींद उड़ा रखी थी. साइबर अपराधी पुलिसिया अंदाज में ही ठगी की वारदात को अंजाम देते थे. पुलिस अधिकारी बनकर पहले तो लोगों को फोन करते और फिर उनके बेटे या परिजन के गिरफ्तार होने और उन्हें सजा देने की बात कहकर चौंका देते थे. जैसे ही परिजन घबराते, फिर अपनी धौंस जमाते थे और डरा-धमकाकर पैसे वसूलते थे. पिछले एक माह में पुलिस के सामने ऐसे दर्जनों मामले सामने आए. एक के बाद एक हो रही ठगी की वारदात से साइबर पुलिस अलर्ट मोड पर आई और मामले में गहनता से जांच शुरू की.

पुलिस ने कुछ दिनों के भीतर प्रदेश के अलग-अलग जिलों से 6 लोगों को गिरफ्तार किया. गिरफ्त में आए आरोपियों ने जो खुलासे किए, उन्हें सुनकर अधिकारियों के होश उड़ गए. गिरफ्तार आरोपियों के पास से 4 लैपटॉप, 19 बैंक पासबुक, 8 चेकबुक, 17 एटीएम/डेबिट कार्ड, 13 बैंक अकाउंट ओपनिंग किट, 5 पैन कार्ड, 7 मोबाइल और 5 सिम कार्ड समेत बैंक के कई कागजात मिले.

मुजफ्फरपुर एसएसपी राकेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूरे मामले का पर्दाफाश करते हुए बताया कि इस गिरोह की एक महीने की कमाई करोड़ों में थे. यानी गिरोह ने करोड़ों रुपये के ट्रांजेक्शन एक माह में किए थे. मुजफ्फरपुर के साहेबगंज इलाके से गिरफ्तार आरोपी जितेंद्र एक कंप्यूटर कोचिंग सेंटर चलाता था. कोचिंग सेंटर में पढ़ने वाले छात्रों के नाम पर बैंक में खाते खुलवाए जाते थे. इतना ही नहीं, छात्रों को इसके बदले कुछ पैसे दिए जाते थे. साइबर फ्रॉड का मास्टरमाइंड अरशद आलम और अमजद आलम था जो कि मोतिहारी में रहते थे. आरोपी अंकित, रोशन और दीपक को दरभंगा से पुलिस ने दबोचा.

एसएसपी राकेश कुमार ने आगे बताया, 'हमने आरोपियों के खातों में जमा 15 लाख रुपये फ्रीज करवाए हैं. आरोपियों द्वारा साइबर ठगी के जरिये ये रकम हड़पी गई थी. सभी आरोपी समय-समय पर अपने काम करने के तरीकों को बदलते रहते थे और लंबे समय से साइबर फ्रॉड में लिप्त थे. पिछले एक माह से सभी आरोपी लोगों को फोन करके उनके बेटे या परिजन के गिरफ्तार होने और उन्हें सजा देने की बात कहकर, परिजनों को डरा-धमकाकर पैसे वसूलते थे. तीन दूसरे देशों से भी आरोपियों के संपर्क थे. इंटरनेट के माध्यम से इंटरनेशनल कॉलिंग करवाते थे.'

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