रिपोर्ट राजेश कुमार यादव
पटना
पूरे उत्तर भारत में अकेला एक ओबीसी नौजवान हैं तेजस्वी यादव जी जिनकी तेजस्विता के आगे मोदी जी भी बौने नजर आते हैं। बिना डिग्री वाले मोदी जी के चेले चाहे जितना दुष्प्रचार करें नौवीं क्लास का लेकिन तेजस्वी यादव ने अपनी कार्य वृत्ति से जो सिद्ध किया है वह इनकी कई पीढ़ियां करने की सोचती रह जाएंगी।
बिहार जो ज्ञान, संघर्ष, सत्याग्रह, समता आदि की प्रयोग और परिणाम धरा है वहां का यह नौजवान तेजस्वी प्रसाद यादव अकेले ही अपनी दृढ़ता और संघर्षशीलता से सांप्रदायिक ताकतों के दांत खट्टे किए हुए हैं।
बिहार में ये भाजपाई चाहे जितना न गिरकर गठबन्धन आदि कर लें लेकिन जीत का स्वाद मिलता दिख नहीं रहा है क्योंकि यहां मंडल साहब, जगदेव बाबू और कर्पूरी ठाकुर जी आदि के वारिस और लालू प्रसाद यादव जी के लाल तेजस्वी जी इनके लिए ऐसे चट्टान बन खड़े मिल रहे हैं कि इनकी कोई चाल कामयाब होती नहीं दिख रही है।
भारत के नेल्सन मंडेला माननीय लालू प्रसाद यादव जी अपनी गंभीर बीमारियों के बावजूद देश में संविधान और सामाजिक न्याय की रक्षा हेतु आज भी तत्पर हैं और तेजस्वी जी को अपना पूरा- पूरा अशीष देते हुए सांप्रदायिकता से संघर्ष हेतु डटे हुए हैं।
लालू प्रसाद यादव जी ने पूरे देश को सांप्रदायिकता के विनाश और संविधान की रक्षा हेतु 03 मार्च 2024 को पटना के गांधी मैदान में विशाल जन विश्वास महारैली आहूत की है जिसमें तेजस्वी प्रसाद यादव जी की हुंकार गूंजेगी।