DNA, या डीऑक्सीराइबोन्यूक्लेक एसिड, जीवों में ऊतकों अन्य संरचनाओं की बनावट को निर्धारित करने वाली एक महत्वपूर्ण

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राजेश कुमार यादव की कलम से

बायोलॉजिकल मॉलिक्यूल है. यह एक प्रकार का नुक्लिक एसिड है जिसमें जीवों के लिए आवश्यक जीवन कोड धारित होता है.

यह एक लम्बी सुक्ष्मबहुल डबल हेलिक्स (double helix) स्ट्रक्चर में होती है, जिसमें दो लम्बी श्रृंगाएँ एक-दूसरे के चारों ओर स्वच्छंदता से मिली होती हैं. इसमें चार प्रमुख नुक्लेओटाइड बुने होते हैं: एडीनीन (Adenine), थाइमीन (Thymine), गुआनिन (Guanine), साइटोसीन (Cytosine). ये नुक्लेओटाइड पेयरिंग नियमों के तहत एक-दूसरे के साथ जुड़े होते हैं: एडीनीन थाइमीन के साथ गुआनिन साइटोसीन के साथ. DNA में सभी जीवों की गतिविधियों को नियंत्रित करने वाली जीन होते हैं, जो जीवों के विकास, विकेन्द्रीकरण, स्थितिकरण में भूमिका निभाते हैं. जीनों का संबंध DNA के विभिन्न स्थानों पर होता है इन्हें विभिन्न तरीकों से पढ़ा जा सकता है. DNA के जरिए जीवों में आत्मा संरचना बनती है इसका अनुशासन सभी जीवों के लिए जीवन का मौलिक हिस्सा है.

DNA कैसे काम करता है

DNA कार्यकर्ता में रोगी की प्रकृति संरचना का निर्धारण करने के लिए जिम्मेदार होता है. यह अनुक्रमणिका रूप में एक बायोलॉजिकल प्रोग्राम होता है जिसकी मदद से प्रोटीन उत्पन्न किए जाते हैं, जो उत्पादक अंग में विभिन्न कार्यों का निर्धारण करते हैं.

रेप्लिकेशन (Replication): यह एक प्रक्रिया है जिसमें एक DNA मॉलेक्यूल की दो नयी मॉलिक्यूल्स बनती हैं, जिससे जीवों का विकास उत्पादन होता है.

ट्रांसक्रिप्शन (Transcription): यह प्रक्रिया जेनेटिक जानकारी को DNA से RNA में परिवर्तित करती है. RNA एक इंटरमीडिएट मोलेक्यूल होता है, जो प्रोटीन उत्पन्न करने की प्रक्रिया में सहायक होता है.

ट्रांसलेशन (Translation): इस प्रक्रिया में, RNA को प्रोटीन में अनुवादित किया जाता है. एक स्थिर या स्थायी RNA स्ट्रक्चर, जिसे रिबोसोम कहा जाता है, RNA को पढ़ता है उसमें कोडिंग होने वाले नुक्लेटाइड तत्वों को धारण करता है, जिससे प्रोटीन बनते हैं.

DNA कई कारणों से महत्वपूर्ण है:

जीनेटिक सूत्रधार (Genetic Blueprint): DNA में जीन होते हैं जो जीवों के सभी गुणों विशेषताओं को निर्धारित करते हैं. यह जीनों का संग्रह होता है, जो जीवन के सभी पहलुओं को प्रभावित करते हैं, जैसे कि विकास, विकेन्द्रीकरण, व्यक्तित्व.

जीवन कोड (Code of Life): DNA जीवों का जीवन कोड होता है. यह उनकी संरचना, विकास, क्रियाओं को निर्देशित करता है.

वंशानुगत सूची (Hereditary Information): DNA वंशानुगत सूची का धारक होता है. पिता माता द्वारा संचित जीनेटिक जानकारी उनके बच्चों को DNA के माध्यम से पारित होती है.

जैविक विविधता (Biological Diversity): DNA अनेक प्रकार की जीवन रचनाओं प्रकृतिक विविधताओं के लिए जिम्मेदार है. यह नए गुणों विशेषताओं की उत्पत्ति विविधता में मदद करता है.

उत्पादन प्रतिरक्षा (Production and Defense): DNA प्रोटीन उत्पन्न करने के लिए आवश्यक है, जो ऊतकों संरचनाओं के निर्माण में सहायक होते हैं. इसके अलावा, DNA भी रोगप्रतिरोधक प्रतिरक्षा प्रणाली का महत्वपूर्ण अंग है.

DNA जीवों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उनके विकास, कार्यों, अनुक्रमणिकाओं को निर्देशित करता है उन्हें व्यक्तित्व विशेषताओं में अनुकूलित करता है l 

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