स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा की अदालत ने दलित किशोरी के अपहरण एवं दुष्कर्म से जुड़े मामले में मनमानी धाराएं लगाने के चलते आरोपी का रिमांड किया अस्वीकार

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रिपोर्ट राजेश कुमार यादव लखनऊ/बाराबंकी उत्तरप्रदेश

कोर्ट ने सीओ लम्भुआ अब्दुल सलाम खान के खिलाफ कार्रवाई को लेकर उच्चाधिकारियों को अवगत कराने एवं एसपी को पत्र भेजने का दिया आदेश,पुलिस की लचर कार्यशैली के चलते आरोपी को मिली बड़ी राहत,वहीं पुलिस विभाग को अपनी चूक के चलते लगा बड़ा झटका

स्पेशल कोर्ट के आदेश के मुताबिक अभियोगी के जरिए दर्ज कराई गई एफआईआर से ही पीड़िता के नाबालिग होने की हो रही पुष्टि,फिर भी मात्र भादवि की धारा-363,366 में आरोपी के खिलाफ दर्ज किया गया था मुकदमा,वहीं पीड़िता के 161 व 164 के बयान से ही किशोरी होने के साथ-साथ उसका एससी- एसटी की श्रेणी में आना है साबित,बावजूद इसके आरोपी के खिलाफ शुरू से नहीं लगाई गई एससी-एसटी व पाक्सो एक्ट की धाराएं,करीब साढ़े चार माह पूर्व बीते 11 अक्टूबर को अभियोगी की तहरीर पर लम्भुआ थाने में रामगढ़ निवासी आरोपी आनंद यादव के खिलाफ मात्र भादवि की धारा-363,366 में दर्ज किया गया था मुकदमा,जबकि पीड़िता के पिता ने अपनी तहरीर में ही पीड़िता को मात्र 16 वर्ष होने का किया है जिक्र,फिर भी पुलिस ने शुरू से ही किया धाराओं में खेल,पूर्व विवेचक के जरिए ही दर्ज करवाया गया था पीड़िता का 161 व 164 का बयान तथा घटना के लम्बे समय बाद पूर्व विवेचक द्वारा ही की गई है आरोपी की गिरफ्तारी,इसी के बाद ही सीओ अब्दुल सलाम खान के जरिए ग्रहण की गई है मामले की विवेचना

कोर्ट में पेश प्रपत्रों के मुताबिक बीते बुधवार यानी 21 फरवरी की शाम करीब 5:30 बजे ही सीओ लम्भुआ के जरिए ग्रहण की गई विवेचना एवं उसी तारीख को रात आठ बजे समाप्त कर दी गई विवेचना,दौरान विवेचना सीओ के जरिए दर्ज किया गया है मात्र वादी का मजीद बयान एवं मात्र पीड़िता के 161 के बयान का किया गया है अवलोकन,कोर्ट के आदेश के मुताबिक एससी-एसटी एक्ट की धारा-7 के नियमों के विपरीत विवेचक ने किया है कृत्य,सामने आए तथ्यों के मुताबिक तफ्तीशी लिखापढ़ी से बचना चाहते है सीओ,मनमानी कार्रवाइयों के दम पर की गई जांच को आधार बनाकर पुलिस ने पेश किया था आरोपी आनंद यादव का रिमांड,पाक्सो एक्ट एवं एससी- एसटी एक्ट के नियमों के विपरीत जाकर पुलिस ने मनमानी तफ्तीश कर पेश किया था रिमांड,जबकि शुरू से ही सीओ अब्दुल सलाम खान की सुपरविजन में शुरू से चल रही थी तफ्तीश,फिर भी बड़ी लापरवाही आई सामने

जज पवन कुमार शर्मा ने पुलिस की लापरवाही पर संज्ञान लेते हुए की बड़ी कार्रवाई,पुलिस की लापरवाही के चलते आरोपी का रिमांड हुआ अस्वीकार,कोर्ट ने नियमानुसार पाक्सो एक्ट व एससी-एसटी एक्ट के अंतर्गत विवेचना करने पर भविष्य में अभियुक्त का रिमांड लेने के लिए पुलिस को दी है स्वतंत्रता,पर इस गलती पर सीओ अब्दुल सलाम खान की लापरवाहपूर्ण कारनामे से उच्चाधिकारियों को भी अवगत कराने व उचित कार्यवाही के लिए एसपी को भी पत्र भेजने का दिया है आदेश

कोर्ट के आदेश के मुताबिक पहले भी सीओ इस तरह की कर चुके हैं गलतियां,गलतियों पर सुधार के लिए कोर्ट ने पूर्व में भी उन्हें दी थी कड़ी चेतावनी,फिर भी अपनी लापरवाहपूर्ण कार्यशैली में सुधार लाने को तैयार नहीं है सीओ व उनकी पुलिस,नतीजतन कोर्ट ने विवेचना में पुनः लापरवाही पाए जाने पर लिया एक्शन,सीओ लम्भुआ व अन्य जिम्मेदार पुलिस कर्मियों को मनमानी कार्यशैली के चलते मिल सकता है दंड,पुलिस विभाग में अफसरों व अन्य जिम्मेदारो की अनुभवहीनता के चलते आए दिन न्याय विभाग व मीडिया में होती है किरकिरी,फिर भी पुलिस अफसर अपने कृत्य में नहीं ला रहे सुधार,अपनी कमियों में सुधार लाने के बजाय दिनभर सेटिंग-गेटिंग में अधिकतर जिम्मेदार माने जाते हैं मशगूल,शायद इसी का नतीजा है अफसरो की नहीं सुधर रही आदतें और पुलिस महकमा ऐसे अफसरो के चलते होता रहता है बदनाम,जिले के एसपी व प्रदेश के पुलिस मुखिया ले सकते हैं इस मामले में संज्ञान

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