राजेश कुमार यादव की कलम से
. ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद में आए आयुर्वेदिक चिकित्सा से हार्ट अटैक के मरीज का सफल इलाज किया गया है.
आर्टरी में 90 फीसदी ब्लॉकेज के मरीज को बिना सर्जरी सिर्फ आयुर्वेदिक औषधि और चिकित्सा से ठीक किया गया है. अभी तक ऐलोपैथी के भरोसे रहने वाले दिल के मरीजों के लिए यह एक बड़ी खुशखबरी है कि अब वे आयुष की इस पारंपरिक चिकित्सा पद्धति से भी इलाज करा सकते हैं.
एआईआईए की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया कि 50 वर्षीय अवधेश कुमार दिल्ली के जैतपुर निवासी हैं और आटो ड्राइवर हैं.
नवंबर 2022 में इन्हें हार्ट अटैक पड़ा और एंजियोग्राफी में देखा गया कि इनकी आर्टरी में 90 फीसदी ब्लॉकेज थी. दिल्ली के नामी सरकारी अस्पताल में कई महीने इलाज कराने के दौरान इन्हें दो स्टेंट डलवाने की सलाह दी गई लेकिन अक्टूबर 2023 में ये दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में इलाज के लिए पहुंचे.
आयुर्वेद संस्थान में अवधेश को 15 दिन के भर्ती किया गया और पंचकर्म सहित आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति से इलाज किया गया. इसके बाद 3 महीने तक घर पर रहकर आयुर्वेदिक औषधियां खाने के लिए दी गईं. अब जब एक बार फिर एंजियोग्राफी की गई तो उसमें 0-5 फीसदी ब्लॉकेज सामने आई.
डॉक्टरों ने दी थी 2 स्टेंट डलवाने की सलाह..
इस बारे में मरीज अवधेश कुमार ने बताया कि हार्ट अटैक आने पर 3 महीने इलाज के बाद उन्हें स्टेंट डलवाने के लिए कहा गया था लेकिन उनके पस पैसे नहीं थे. इसलिए वे कुछ दिन चुप रहे और फिर एक दिन पूरी तरह निशुल्क अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में इलाज के लिए आए. यहां 15 दिन एडमिशन और 3 महीने इलाज के बाद वे पूरी तरह स्वस्थ हैं और एंजियोग्राम की रिपोर्ट्स भी सामान्य आई हैं.
100 फीसदी ब्लॉकेज में भी आयुर्वेद सफल
अपनी निगरानी में अवधेश का इलाज करने वाली असिस्टेंट प्रोफसर वैद्य दिव्या कजारिया कहती हैं कि ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद हार्ट अटैक के मरीजों पर आयुर्वेद और ऐलोपैथी के इलाज को लेकर स्टडी कर रहा है. इसमें हार्ट अटैक पर आयुर्वेद का असर देखा जा रहा है. अवधेश कुमार का रिजल्ट काफी पॉजिटिव रिजल्ट. इतना ही नहीं हार्ट अटैक के एक मरीज को 100 फीसदी ब्लॉकेज में भी आयुर्वेदिक उपचार से फायदा हुआ है, उसकी रिपोर्ट्स भी जल्द साझा की जाएंगी.
वैद्य कजारिया कहती हैं कि आयुर्वेद से इलाज तो काफी पहले से मिल रहा है लेकिन अब उसके साक्ष्य भी मिलेंगे. चूंकि एआईआईए में हार्ट अटैक के मरीजों में बीमारी और इलाज का आकलन एंजियोग्राफी जैसी जांच से हो रहा है तो मजबूत साक्ष्य आयुर्वेद के पास है और इसको झुठलाना संभव नहीं होगा. जल्द ही यह पूरी स्टडी भी प्रकाशित होगी. यह बहुत ही अच्छा है कि मरीजों के पास इलाज का बेहतर विकल्प खुल रहा है.