बीएसएफ जवान पर प्राणघातक हमले के मामले में आरोपी गैरहाजिर,स्पेशल कोर्ट से एनबीडब्ल्यू जारी,पर गौरीगंज पुलिस आरोपियों को पकड़ पाने में नाकाम

A G SHAH
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करीब पौने चार साल पहले कुल्हाड़ी व अन्य हथियारों से आठ आरोपियों ने बीएसएफ जवान देवनाथ पर किया था प्राणघातक हमला,हर दांव लगाने के बाद भी फेल होने पर आरोपियो ने मुकदमे में गैरहाजिर होकर उठाया ट्रायल से भागने वाले कदम

मामले में पहले भी बड़ी जद्दोजहद के बाद हाईकोर्ट की शरण लेने के बाद आरोपियो ने हाजिर होकर कराई थी जमानत,फिर दी उन्मोचन अर्जी,उन्मोचन अर्जी हो गई खारिज तो कोई न कोई बहाने चार्ज की कार्यवाही में डाल रहे बाधा, कोर्ट ने मौका व हाजिरी माफी अर्जी खारिज कर गैरहाजिर आरोपियों के खिलाफ जारी किया है वारंट,कल है केस में सुनवाई

रिपोर्ट राजेश कुमार यादव

SctvNews

सुलतानपुर। बीएसएफ जवान पर हुए प्राणघातक हमले के मामले में चार्ज के बिंदु पर करीब एक वर्ष से टाल-मटोल कर रहे व गैरहाजिर चल रहे आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है। फिलहाल गौरीगंज पुलिस के रहमोकरम से गैरहाजिर चल रहे आरोपी गिरफ्तारी से बचे हुए है।

 मामला गौरीगंज कोतवाली क्षेत्र के सकरावा गांव से जुड़ा है। जहां के रहने वाले देवनाथ बीएसएफ जवान है। जिन्होंने पांच जून 2020 की घटना बताते हुए गौरीगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक जम्मू कश्मीर में तैनाती के दौरान वह छुट्टी लेकर घर पर आए हुए थे, इस दौरान वह अपने दरवाजे के सामने ईट बिछा रहे थे,तभी आरोपीगण धीरेंद्र, हरिराम चौहान, रामकरन,अमरनाथ, राजेंद्र कुमार, सुरेंद्र, वीरेंद्र पुत्र रामराज व वीरेंद्र पुत्र रामकरन ने धारदार हथियार, कुल्हाड़ी -डंडा आदि लेकर हमला बोल दिया। हमले में बीएसएफ जवान को काफी चोटें आई। इस मामले में देश की सेवा कर रहे बीएसएफ जवान को आई चोटों को देखने के बाद भी पुलिस को तरस नहीं आई और उन्होंने आरोपियों के प्रभाव में पहले तो हल्की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया,फिर उन्हें अन्य तरीकों से संरक्षण देते रहे। यही नहीं ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर लक्ष्मीकांत मिश्र ने भी आरोपियों के प्रभाव में मेडिकल में खेल किया और आई चोटों को ठीक तरीके से मेडिकल रिपोर्ट में दर्शाया ही नहीं। जैसे-तैसे कुछ दिनों तक डॉक्टर की रिपोर्ट व सलाह के आधार पर बीएसएफ जवान का इलाज चलता रहा ,लेकिन जवान की हालत में सुधार होने के बजाय बिगड़ने पर अन्य अस्पताल में उनका मेडिकल हुआ व इलाज शुरू हुआ तो सिर में लगे चोट की जगह पर बांस की फज्जियाँ मिली, जिसके बाद ऑपरेशन हुआ तो स्थिति में सुधार हुआ। मामले आई चोटों के आधार पर बाद में पुलिस ने भादवि की धारा- 308 की बढोत्तरी कर आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। मामले में कुछ आरोपियो ने चार्जशीट दाखिल होने के बाद जमानत करा लिया और कुछ गैरहाजिर रहे, जिनके खिलाफ

कोर्ट से गैर जमानतीय वारंट जारी हुआ,लेकिन चार आरोपी तब भी हाजिर नहीं हो रहे थे। बाद में हरकत में आये चारो आरोपियो ने गिरफ्तारी से बचने व अन्य राहत पाने के लिए हाईकोर्ट की शरण ली। फिलहाल हाईकोर्ट ने केस की गम्भीरता को देखते हुए आरोपियो को कोई विशेष राहत नही दी और उन्हें सम्बंधित कोर्ट में सरेंडर करने का निर्देश दिया,जिसके बाद आरोपियो ने स्पेशल जज एससी-एसटी एक्ट की अदालत में सरेंडर कर जमानत अर्जी प्रस्तुत की, जिन्हें अदालत ने जेल भेज दिया था,उन्हें कुछ दिनों तक जेल काटने के बाद जमानत मिल सकी थी, मामले में सभी आरोपियों की जमानत के बाद कोर्ट ने चार्ज पर सुनवाई को लेकर अगली तिथि पर सभी आरोपियों को उपस्थित होने का आदेश दिया था। हालांकि आरोपियो ने चार्ज की कार्यवाही में उपस्थित होने के बजाय अपने पर लगी धाराओं को  अनुचित बताते हुए उन्मोचन अर्जी दी थी,उन्मोचन अर्जी की आड़ में भी बचाव पक्ष मामले को खींचता रहा,फिलहाल उभय पक्षों को सुनने के पश्चात कोर्ट ने आरोपियो की उन्मोचन अर्जी निराधार मानते हुए करीब एक वर्ष पूर्व ही खारिज कर दी है और आरोपियो को चार्ज के बिंदु पर सुनवाई के लिए हाजिर होने का आदेश दिया। करीब एक वर्ष से दर्जन भर पेशियां बीती,लेकिन कुल आठ आरोपियो में से कोई न कोई गैरहाजिर रहकर किसी न किसी बहाने चार्ज की कार्यवाही से भाग रहे है। स्पेशल जज त्रिभुवन नाथ पासवान की कोर्ट ने व्यक्तिगत रूप से हाजिर न हो रहे आरोपी वीरेंद्र ,सुरेंद्र व हरिराम चौहान की हाजिरी माफी अर्जी खारिज कर उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया। तीन आरोपियों में से एक आरोपी ने हाजिर होकर एनबीडब्ल्यू निरस्त करा लिया है,लेकिन अभी भी दो आरोपियों के खिलाफ एनबीडब्ल्यू बरकरार चल रहा है और गिरफ्तारी के लिए वारंट भी थाने भेजा गया है ,लेकिन पुलिस के रहमोकरम से आरोपी गिरफ्तारी से बचे हुए है,जिसकी वजह से कोर्ट की कार्यवाही रुकी हुई है। आरोपियों के गैरहाजिर रहने की दशा में जल्द ही कुर्की की कार्यवाही भी शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है।

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