मुख्यमंत्री जी को ठीक से दवाई खिलाएंगे', मांझी पर क्यों भड़क गए तेजस्वी

A G SHAH
0


रिपोर्ट राजेश कुमार यादव

पटना

हाथ से सत्ता निकल जाने के बाद तेजस्वी यादव को 'खेला' पर भरोसा था। मगर, नीतीश के सामने 'खेला' भी फेल दिख रहा है। कहा जा रहा है कि अगर तेजस्वी के 'खेला' में जीतन राम मांझी शरीक हो जाते तो पूरा मामला काफी दिलचस्प हो जाता। लिहाजा, सदन में बहस के दौरान तेजस्वी के निशाने पर जीतन राम मांझी आ गए। 

अब मुख्यमंत्री जी को ठीक से दवाई खिलाएंगे मांझी जी। अगर संभव हो तो सीएम साहब का ख्याल रखने के लिए वहीं कमरा ले लीजिए।' तेजस्वी के निशाने पर यूं ही जीतन राम मांझी नहीं आए। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को तेजस्वी यादव ने खूब सुनाया। कहा जा रहा है कि अगर आरजेडी की ओर से जीतन राम मांझी को मैनेज कर लिया जाता तो सच में 'खेला' हो सकता था। दरअसल, ये सच्चाई है कि नीतीश कुमार ने ही जीतन राम मांझी को सीएम बनाया था। शायद यही वजह रही कि जीतन राम मांझी अपने दिल से नीतीश कुमार को नहीं निकाल पाए। हालांकि, नीतीश कुमार को लेकर उनका खट्टा-मीठा अनुभव जरूर रहा।

क्या मांझी ने बिगाड़ दी तेजस्वी का 'खेल'?

दरअसल, 2020 बिहार विधानसभा चुनाव में जीतन राम मांझी एनडीए के पार्टनर थे। बीच में जब नीतीश कुमार पलटी मारकर एनडीए से महागठबंधन में आए तो जीतन राम मांझी की पार्टी सत्ता में बनी रही। मगर, कुछ दिनों बाद मांझी की नीतीश कुमार से खटपट हो गई तो वो बीजेपी के साथ हो लिए। मगर, एक बार फिर से नीतीश कुमार पलटी मारकर बीजेपी के साथ आए तो जीतन राम मांझी ने बीजेपी का खूंटा पकड़े रखा। इस उठा-पटक में दावा किया गया कि जीतन राम मांझी के पास सीएम पद का भी ऑफर आया था। मगर, उन्होंने फ्यूचर पॉलिटिक्स को टारगेट किया और महागठबंधन का मोह त्याग दिया। इससे तेजस्वी का 'खेल' बिगड़ गया।

'मुख्यमंत्री जी को ठीक से दवाई खिलाएंगे'

मांझी को लेकर तेजस्वी ने कहा कि जब पिछला सत्र चल रहा था तो मांझी जी अपनी बात को रख रहे थे, तो मुख्यमंत्री गुस्से में आ गए। गुस्सा में तो आए तो आए ही, उसके बाद मांझी जी ने बाहर जाकर कहा था कि सीएम साहब को गलत-सलत दवा खिला रहा है। इलाज की जरूरत है। अब मांझी जी ठीक से मुख्यमंत्री जी को ठीक से दवाई खिलाएंगे। अगर संभव हो तो सीएम साहब का ख्याल रखने के लिए वहीं कमरा ले लीजिए।

मांझी ने भी दिया तेजस्वी को जवाब

बिहार विधानसभा में नीतीश सरकार के फ्लोर टेस्ट के दौरान पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि सबसे पहले मैं तेजस्वी यादव जी को जवाब देना चाहता हूं। मैं उन्हें कहना चाहता हूं कि संगती बहुत इंपॉर्टेंट चीज है, गलत संगत में हम रहेंगे, तो जरूर हमारी मानसिकता में खराबी आ जाएगी। जिस प्रकार के तेजस्वी यादव और उनकी साथी लोग हैं। आज जिस प्रकार से बिहार में 2005 के पहले वाली स्थिति पैदा कर रहे थे, जिसकी चर्चा मुख्यमंत्री कई बार तेजस्वी यादव के सामने मीटिंग में कह चुके थे- मैं 2005 से पहले वाली स्थिति नहीं आने दूंगा।

बिहार की 90% जमीन RJD वालों के कब्जे में'

मांझी ने कहा कि इसलिए मैं कहना चाहूंगा कि 2005 से पहले वाली स्थिति नहीं आए, इसलिए उन्होंने पाला बदला है। इसलिए उन्होंने एनडीए का साथ दिया है। हमें साम्यवादी और प्रगतिशील पार्टी के साथियों पर तरस आती है। कभी भी इन्होंने नहीं कहा कि जितनी सैकड़ों एकड़ जमीन किसके कब्जे में है। मैं नीतीश कुमार से कहना चाहूंगा कि चाहे 3 डिसमिल जमीन हो, चाहे एक एकड़ हो, चाहे गोदाम की जमीन का मामला हो, वह 100 में 90 फीसदी आरजेडी के साथियों के कब्जे में है। इसके छुड़वाने के लिए नीतीश कुमार ने जो कदम उठाए हैं, मैं उसके लिए उनका धन्यवाद करता हूं।

'मैं लालू यादव के बेटा हूं, हमलोग संघर्ष करते हैं'

सदन में बहस के दौरान तेजस्वी यादव ने कहा कि हम लोग विचारधारा को मानने वाले हैं, जहां खड़े रहते हैं वहीं रहते हैं। मैं लालू यादव के बेटा हूं, हमलोग संघर्ष करते हैं, लेकिन हिलते नहीं हैं। उधर जाने के बाद मुख्यमंत्री जी ने कहा था कि ये लोग हमारे मंत्रालय का क्रेडिट ले रहा था। हम जब सरकार में थे तो क्रेडिट क्यों ना लें? सम्राट चौधरी जी और विजय सिन्हा जी हम आपको सचेत कर रहे हैं कि जो काम होगा तो क्या इसका क्रेडिट नहीं लीजिएगा? मुख्यमंत्री जी जब हम 17 महीने सरकार में थे तो क्या क्रेडिट ना लें?

Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Ok, Go it!
To Top