सिक्किम का 49 सालों का इंतजार हुआ खत्म, 3 चरणों में बनेगा भूमिगत रेलवे स्टेशन

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रिपोर्ट राजेश कुमार यादव


पूर्वोत्तर भारत का राज्य सिक्किम जल्द ही रेलवे मार्ग से जुड़ने वाला है। वर्ष 1975 में औपचारिक रूप से भारत में शामिल होने के 49 सालों बाद अब सिक्किम भारतीय रेलवे नेटवर्क से जुड़ने वाला है। पश्चिम बंगाल के सिवोक से सिक्किम के रेंगपो तक रेलवे लाइन बिछायी जा रही है। इसका लगभग 80 फीसदी हिस्सा सुरंगों से होकर गुजरेगा।

सिर्फ इतना ही नहीं रेंगपो में बनने वाला रेलवे स्टेशन भी भूमिगत (Underground) होने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेंगपो रेलवे स्टेशन का शिलान्यास किया है। इस मौके पर पीएम मोदी ने बताया कि रंगपो स्टेशन का डिजाइन सिक्किम की समृद्ध संस्कृति, विरासत और वास्तुकला से प्रेरित होने वाली है।

आइए जानते हैं कैसा होगा सिक्किम का रंगपो में बनने वाला पहला रेलवे स्टेशन!

तीन चरणों में सिवोक से नाथुला तक बनेगा रेलवे नेटवर्क

सिक्किम में बनने वाले रेलवे नेटवर्क का अधिकांश हिस्सा सुरंगों के बीच से होकर गुजरने वाला है। पूर्ण रूप से बन जाने के बाद यह रेलवे लाइन पश्चिम बंगाल के सिवोक को नाथुला से जोड़ेगा। अभी सिक्किम का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन पश्चिम बंगाल का न्यू जलपाईगुड़ी (187 किमी) और सिलीगुड़ी (146 किमी) है।

साल 2022 में ही सिक्किम में रेलवे लाइन बिछाने की परियोजना को स्वीकृति मिल गयी थी। तीन चरणों में बनने वाले इस रेलवे नेटवर्क का पहला हिस्सा सिवोक से रेंगपो के बीच बनेगा। दूसरा हिस्सा रेंगपो से गंगटोक और तीसरा हिस्सा गंगटोक से नाथुला तक बनेगा।

14 सुरंगों से होकर गुजरेगी ट्रेन

सिवोक से रेंगपो तक के 44.96 किमी की कुल दूरी में से 38.65 किमी यानी लगभग 80 फीसदी हिस्से में ट्रेन सुरंगों से होकर गुजरेगी। इस दूरी में ट्रेन को लगभग 14 सुरंग पार करने पड़ेंगे। इनमें से सबसे लंबी सुरंग की लंबाई करीब 5.30 किमी और सबसे छोटी सुरंग की लंबाई लगभग 538 मीटर की होगी।

बाकी के बचे 20 फीसदी हिस्से में में इस रेलवे लाइन का 5 फीसदी हिस्सा (2.24 किमी) पुलों पर और 4.79 किमी का हिस्सा स्टेशन यार्डों की ओपन कटिंग से होकर है। जानकारी के अनुसार रेलवे लाइन की सुरंगों का निर्माण न्यू ऑस्ट्रियन सुरंग बनाने की पद्धति (एनएटीएम) द्वारा किया जाएगा।

5 स्टेशन बनाने की है योजना

मिली जानकारी के अनुसार सिवोक से रेंगपो के बीच 5 स्टेशन बनाने की योजना है। इनमें से 4 स्टेशनों को खुले क्रॉसिंग स्टेशन जैसे सिवोक, रियांग, मेली और रेंगपो बनेगा और एक भूमिगत हॉल्ट स्टेशन तीस्ता बाजार बनाने का प्रस्ताव है। वहीं कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया है रेंगपो स्टेशन भी भूमिगत ही बनेगी। सिक्किम जाने के लिए अब तक पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी या सिलीगुड़ी जाना पड़ता है।

वहां से सड़क मार्ग से सिक्किम पहुंचने में करीब 5-6 घंटे का समय लग जाता है। लेकिन ट्रेन लाइन बन जाने के बाद सिक्किम जाना काफी अधिक आसान हो जाएगा। इसका अच्छा असर निश्चित रूप से सिक्किम के पर्यटन पर भी पड़ेगा और वहां पर्यटकों की आवाजाही भी बढ़ेगी। बता दें, सिक्किम जाने के लिए बंगाल को ही प्रवेश द्वार माना जाता है। रेंगपो नदी के दोनों किनारों पर एक ओर बंगाल है और दूसरी ओर सिक्किम। 

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