तांत्रिक पर टूटा बीहड़ के आतंक का कहर,पहले हत्या की फिर मगरमच्छों का बना दिया निवाला,वजह जान रह जाएंगे हैरान

A G SHAH
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रिपोर्ट राजेश कुमार यादव

झांसी। तंत्र-मंत्र की शक्ति से एक तांत्रिक को दो महिलाओं से बच्चे पैदा होने और स्वास्थ्य सुधार करवाने की गारंटी लेना उसकी मौत की सबसे बड़ी वजह बन गया।आधी रात के बाद सुनसान जगह पर दोनों महिलाओं को अकेले बुलाकर जिस अंदाज में तांत्रिक ने अपनी तंत्र साधना की उसके बाद हत्यारोपियों ने तांत्रिक की हत्या का ऐसा प्लान बनाया, जिस पर मगरमच्छों ने पानी फेर दिया।मगरमच्छों की एक हरकत की वजह से हत्यारे अब सलाखों के पीछे हैं।पुलिस ने बेहद शातिराना अंदाज में हत्या की वारदात को अंजाम देने वाले कुख्यात हत्यारों को बेनकाब कर दिया है। 

मामला मोठ कोतवाली क्षेत्र की चिरुला गांव का है जहां बीते माह अक्टूबर में परशुराम तांत्रिक का शव बेतवा नदी से हाथ पैर बंधा बरामद हुआ था।तांत्रिक की सिर कूचकर बेरहमी से हत्या करने के बाद हत्यारों ने हाथ पैर बांधकर, पीठ में मिट्टी से भरी बोरी बांधकर शव को नदी के उस किनारे पर फेंका था जहां पर मगरमच्छों की संख्या सबसे अधिक देखी जाती है।

मगरमच्छों के बीच तांत्रिक का शव फेंकने के पीछे हत्यारों की मंशा थी कि शव को मगरमच्छ पूरी तरह से खाकर खत्म कर देंगे। तांत्रिक की डेड बॉडी बरामद नहीं होंगी और न ही पुलिस उन पर  शिकंजा कस पाएगी।बस यहीं हत्यारे ने बड़ी चूक कर दी क्योंकि उनको बिल्कुल भी पता नहीं था कि मगरमच्छ मरे हुए जीव को नहीं खाते हैं।ऐसे में जिस तांत्रिक की हत्या कर हत्यारे शव को मगरमच्छों के बीच में फेंक गए थे शव को मगरमच्छों ने खाया ही नहीं था।बाद में कमर में बंधी मिट्टी की बोरी जैसे ही पानी से गली तांत्रिक का शव उफनाकर नदी की सतह पर आ गया।

3 दिन से लापता तांत्रिक का शव की बरामदगी होने के बाद जब शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई इसके बाद पूरा मामला हत्या का बदल गया।इस ब्लाइंड मर्डर के खुलासे के लिए पुलिस की दो टीमें दिन-रात काम पर लगा दी गईं। लगभग डेढ़ महीने की कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस की दोनों टीमों ने इस हत्याकांड से जुड़े सभी बिंदुओं पर काम करते हुए दो शातिर अपराधियों को गिरफ्तार कर ब्लाइंड हत्याकांड का सनसनीखेज खुलासा कर दिया।

एसपी ग्रामीण गोपीनाथ सोनी ने खुलासा करते हुए बताया कि इस हत्याकांड को अंजाम देने के लिए हत्यारोपी पति ने कभी चंबल के बीहड़ों में आतंक का पर्याय रहे खूंखार डकैत धन सिंह का सहारा लिया था। 21 साल के लंबे अंतराल के बाद कुख्यात डकैत धन सिंह ने अपने साथी चाहर सिंह समेत चार लोगों की मदद से बहाना बनाकर तांत्रिक परशुराम को बेतवा नदी के किनारे बुलाया।बेतवा नदी के किनारे तंत्र-मंत्र के ऑफर पर तांत्रिक परशुराम हत्यारों के बताए स्थान पर पहुंच गया।यहां खूंखार डकैत धन सिंह ने अपने चार साथियों की मदद से तांत्रिक परशुराम का सिर पत्थरों से कूचकर उसकी हत्या कर दी फिर शव को बेतवा नदी में बोरी बांधकर फेंक दिया।

खूंखार डकैत धन सिंह ने बताया कि उसके रिश्तेदार की पत्नी और बहन का इलाज तांत्रिक परशुराम अकेले में करता था। तंत्र-मंत्र से होने वाले इलाज के चलते रिश्तेदार की पत्नी के चार बच्चों की पत्नी के कोख में ही मौत हो गई थी।रिश्तेदार की बहन का भी तंत्रिक तंत्र-मंत्र से इलाज कर रहा था जिसके चलते बहन की भी हालत बिगड़ती चली गई।तांत्रिक पर शक की वजह से परशुराम की हत्या का प्लान बनाया।

बता दें कि तांत्रिक परशुराम की हत्या करवाने के बाद हत्यारोपी पति ने अपने एक रिश्तेदार के साथ खुद को मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले की पुलिस के सामने शिक्षक अपहरण कांड में नामजद होने के चलते खुद समर्पण कर दिया।हत्यारोपी पति के खुद को निवाड़ी पुलिस के सामने हाजिर करने की पीछे की मंशा यह थी कि झांसी पुलिस तांत्रिक परशुराम की हत्या के मामले में उस पर शक नहीं करेगी क्योंकि वह पहले से ही निवाड़ी पुलिस की हिरासत में होगा।झांसी पुलिस की कड़ी पड़ताल के बाद हत्यारोपी पति का प्लान भी बेनकाब हो गया।चंबल के कुख्यात डकैत रहे धन सिंह और उसके खूंखार साथी चार सिंह को तांत्रिक हत्याकांड के आरोप में गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पुलिस ने भेज दिया है।

 

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