रिपोर्ट राजेश कुमार यादव
नई दिल्ली:अफजल अंसारी को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को गैंगस्टर मामले में उनकी सजा पर रोक लगा दी. इससे उनकी लोकसभा सदस्यता बहाल होने का रास्ता साफ हो गया. 29 अप्रैल को दोषी ठहराए जाने और चार साल की जेल की सजा सुनाए जाने के बाद बसपा नेता अंसारी को गाजीपुर से सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था. अब, शीर्ष अदालत की ओर से सजा पर रोक लगाने के बाद, अंसारी सांसद निधि का उपयोग कर सकेंगे, हालांकि, उनके पास सदन में मतदान का कोई अधिकार नहीं होगा.
न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने अंसारी की अपील को आंशिक रूप से स्वीकार कर लिया. जस्टिस कांत और भुइयां ने अंसारी की याचिका के पक्ष में फैसला सुनाया, हालांकि, जस्टिस दत्ता ने कहा कि अंसारी की अपील पर उनके पक्ष में फैसला नहीं सुनाया जाना चाहिए. शीर्ष अदालत ने सजा के खिलाफ उनकी याचिका पर फैसला करने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के लिए 30 जून, 2024 की समय सीमा तय की. मामले में विस्तृत फैसला आज दिन में अपलोड किया जाएगा.
अप्रैल में, उत्तर प्रदेश के गाजीपुर की एक विशेष अदालत ने अंसारी और उनके भाई मुख्तार अंसारी, एक पूर्व विधायक को दोषी ठहराया. इस मामले में मुख्तार अंसारी को 10 साल की कैद की सजा सुनाई. बहुमत की राय में कहा गया कि अंसारी 2024 में अगला लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं और इस चुनाव का नतीजा उनकी अपील पर उच्च न्यायालय के फैसले पर निर्भर करेगा.सुनवाई के दौरान, अफजल अंसारी का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अगर उनके मुवक्किल की सजा पर रोक नहीं लगाई गई तो लोकसभा में गाजीपुर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व नहीं रह जाएगा. उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि मामले में शीर्ष अदालत के फैसले का जिक्र किया.