पुरुषों में गंजेपन की समस्या को मेल पैटर्न बाल्डनेस या एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया भी कहा जाता है. इस स्थिति में पुरुषों के बाल गिरने शुरू हो जाते हैं. इस समस्या का सामना जेनेटिक या हार्मोनल बदलावों की वजह से करना पड़ता है. पुरुषों के गंजेपन का प्राइमरी कारण जेनेटिक ट्रेंड और हार्मोन खासकर से डाइहाइड्रोटेस्टोस्टेरोन (डीएचटी) के प्रभाव का कॉम्बिनेशन माना जाता है.डीएचटी हार्मोन बालों के रोम में रिसेप्टर्स को बांधता है. जेनेटिक ट्रेंड वाले व्यक्तियों में, डीएचटी बालों के रोमों को छोटा कर सकता है, जिससे वे कमजोर हो जाते हैं और बाल पतले और झड़ने लगते हैं. हालांकि आनुवांशिकी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, ऐसे कई अन्य कारक भी हैं जो पुरुषों के गंजेपन को प्रभावित कर सकते हैं. आइए जानते हैं उन सभी कारकों के बारे में-
पुरुषों में गंजेपन के मुख्य करण:
दवाइयां- कैंसर, हाई ब्लड प्रेशर, डिप्रेशन और गठिया के इलाज के लिए उपयोग की जाने वाली दवाएं साइड इफेक्ट के तौर पर बालों के झड़ने का कारण बन सकती हैं. ऐसे में जरूरी है कि कोई भी दवा शुरू करने से पहले डॉक्टर से हेयर लॉस के खतरों के बारे में जरूर बात करें. ताकि समय पर बालों को झड़ने से रोका जा सके.
हार्मोन्स में असंतुलन- जैसा कि पहले बताया गया है, हार्मोनल असंतुलन, खासतौर पर डीएचटी की अधिकता, पुरुषों में गंजेपन का एक मुख्य कारण बन सकती है. हार्मोन्स में यह असंतुलन थायरॉयड या हार्मोनल थेरेपी के कारण हो सकता है. ऐसे में हार्मोन्स का इलाज करने से बाल झड़ने की समस्या को रोका जा सकता है.
उम्र- जैसे-जैसे पुरुषों की उम्र बढ़ती है, टेस्टोस्टेरोन के स्तर में धीरे-धीरे कमी होने से बाल झड़ने लगते हैं. हालांकि इस कारक को टाला नहीं जा सकता है, लेकिन ओवरऑल हेल्थ की देखभाल करना और उम्र बढ़ने वाले बालों से निपटने के लिए खासतौर से डिजाइन किए गए हेयर केयर प्रोडक्ट्स का उपयोग किया जा सकता है.
पोषक तत्वों की कमी- खराब पोषण, जैसे कि विटामिन और खनिजों की कमी, बालों के झड़ने में योगदान कर सकती है. विटामिन ए, सी, डी, ई, बायोटिन और आयरन से भरपूर संतुलित आहार का सेवन बालों के विकास को बढ़ावा देने और गंजेपन के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है.
स्ट्रेस- तनाव बालों के सामान्य विकास चक्र को बाधित कर सकता है, जिसके वजह से बाल झड़ने लगते हैं. रिलैक्सेशन टेक्नीक, व्यायाम के जरिए स्ट्रेस को मैनेज करने से और बालों का झड़ना रोकने में मदद मिल सकती है.
मेडिकल कंडीशन- कई मेडिकल कंडीशन और उनके उपचार जैसे ऑटोइम्यून बीमारी, स्कैल्प इंफेक्शन और कीमोथेरेपी के कारण भी बाल झड़ने लगते हैं.
धूम्रपान- स्मोकिंग करने से बाल झड़ने का खतरा तो बढ़ ही जाता है साथ ही ब्लड सर्कुलेशन और हेयर फॉलिकल्स पर भी काफी बुरा असर पड़ता है. स्मोकिंग छोड़ने से ओवरऑल हेल्थ में तो सुधार होता ही है साथ ही गंजेपन के खतरे को भी कम किया जा सकता है.