रिपोर्ट राजेश कुमार यादव
प्रयागराज उत्तर प्रदेश
दिनांक 22मार्च 2025
हाल ही में, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि किसी नाबालिग लड़की के स्तन को पकड़ना, उसके पायजामे के नाड़े को तोड़ना और उसे पुलिया के नीचे खींचने का प्रयास करना बलात्कार या बलात्कार के प्रयास के तहत नहीं आता है।
यह मामला उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले का है, जहां 11 वर्षीय बच्ची के साथ दो व्यक्तियों ने उपरोक्त कृत्य किए थे। निचली अदालत ने इसे बलात्कार के प्रयास के रूप में माना था, लेकिन हाईकोर्ट ने इसे केवल यौन उत्पीड़न की श्रेणी में रखा।
इस फैसले के बाद समाज के विभिन्न वर्गों में आक्रोश और बहस की स्थिति उत्पन्न हो गई है। कई लोग इस निर्णय को यौन अपराधों के प्रति संवेदनहीनता के रूप में देख रहे हैं।
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों में न्यायालयों को संवेदनशीलता और सख्ती से पेश आना चाहिए, ताकि यौन अपराधों के खिलाफ एक मजबूत संदेश जाए।