रिपोर्ट राजेश कुमार यादव
लेबनान
इजरायल और हिजबुल्लाह आतंकियों के बीच सीजफायर को अभी 24 घंटे भी नहीं हुए, इजरायली सेना ने तीन शहरों पर गोलीबारी कर दी। लेबनान सुरक्षा सूत्रों ने जानकारी दी कि युद्धविराम लागू होने के एक दिन बाद ही इजरायली टैंकरों ने लेबनान की दक्षिण-पूर्वी सीमा पर तीन शहरों को निशाना बनाया। यह हमला तब हुआ है, जब सीजफायर के बाद विस्थापित हो चुके लेबनानवासी घर लौट रहे थे। इजरायली सेना ने लेबनानवासियों को अभी सीमा के पास अपने घरों में न लौटने के लिए भी कहा है।
लेबनान सुरक्षा अधिकारियों ने गुरुवार को जानकारी दी कि हमले मार्काबा, वाजानी और कफरचौबा शहरों पर हुए हैं। ये हमले इजरायल और लेबनान के बीच सीमा निर्धारण वाली ब्लू लाइन के दो किलोमीटर के भीतर किए गए। इससे पहले बुधवार को अमेरिका और फ्रांस की मध्यस्थता के कारण इजरायल और लेबनानी सशस्त्र समूह हिजबुल्लाह के बीच युद्धविराम लागू हुआ था। इस युद्धविराम का उद्देश्य दोनों देशों के लोगों को अपने घरों में लौटने की अनुमति देना था।
अभी घर न लौटें लेबनानवासीः इजरायली सेना
इज़रायली सैनिक अभी लेबनानी क्षेत्र के भीतर सीमा से लगे शहरों में तैनात हैं। गुरुवार की सुबह इज़रायली सेना ने सीमा पट्टी के पास लोगों से अपनी जान बचाने के लिए अभी वापस न लौटने का आग्रह किया। गुरुवार की सुबह जिन तीन कस्बों पर हमला हुआ, वे उसी पट्टी में स्थित हैं।
इजरायली हमले के बाद आगे क्या
गुरुवार सुबह लेबनान में हुए ताजा हमलों को लेकर हिजबुल्लाह या इज़रायल की ओर से कोई टिप्पणी नहीं की गई है। गौरतलब है कि हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच यह समझौता एक दुर्लभ कूटनीतिक उपलब्धि मानी जा रही थी, लेकिन इजरायल के सीजफायर के एक दिन बाद ही किए हमलों से युद्ध भड़कने की संभावना है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि हमास जहां हिजबुल्लाह के साथ इजरायल के युद्धविराम को अपने लिए फायदे का सौदा बता रहा था। वहीं, अब हमास और ईरान पर नजरें टिकी हैं।
युद्धविराम की शर्तें
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कल घोषणा की थी कि इजरायल और लेबनानी सरकार के बीच वाशिंगटन के युद्ध विराम प्रस्ताव पर सहमत बन गयी है, जिसमें 60 दिनों के भीतर लेबनान से इजरायली सेना की वापसी भी शामिल है। योजना के तहत, लेबनानी सेना दक्षिणी लेबनान पर नियंत्रण करेगी, जबकि हिजबुल्लाह अपनी सेना को लिटानी नदी के उत्तर में स्थानांतरित करेगा। युद्ध विराम समझौते की शर्तों के साथ दोनों पक्षों की ओर से अनुपालन की निगरानी के लिए अमेरिका की अध्यक्षता में एक अंतरराष्ट्रीय समिति का गठन किया जाएगा।
गौरतलब है कि एक अक्टूबर को, इजरायल ने लेबनान के दक्षिण में हिजबुल्लाह के खिलाफ एक जमीनी अभियान शुरू किया था, जबकि शिया आंदोलन के साथ हवाई और रॉकेट हमलों की गतिविधियां बदस्तूर जारी रही। इजरायल के हमलों से लेबनान में मृतकों की संख्या 3,700 से अधिक हो गई है। जनहानी के बावजूद, हिजबुल्लाह जमीन पर इजरायली सैनिकों से लड़ रहा था और सीमा पार रॉकेट दाग रहा था।