*तीन बार बच गया,अब नहीं बचेगा,सांसद पप्पू यादव को फिर मिली धमकी,बोले- 24 घंटे रेकी हो रही है*
*रिपोर्ट राजेश कुमार यादव*
गाजीपुर।बिहार के पूर्णिया के बाहुबली सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को धमकी मिलने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।एक बार फिर पप्पू यादव को फोन पर जान से मारने की धमकी मिली है। धमकी देने वाले ने पप्पू यादव से मैसेज में कहा कि वह तीन बार बच गए हैं, अब नहीं बचेंगे। पप्पू यादव ने दावा किया उनकी 24 घंटे रेकी हो रही है। वह कहां जा रहे हैं, कौन-सी गाड़ी में बैठे हैं, धमकी देने वालों को यह सब पता रहता है। उन्हें पाकिस्तान और मलेशिया के नंबर से उर्दू में भी मैसेज आ रहे हैं।
पूर्णिया के बाहुबली सांसद पप्पू यादव गुरुवार को गाजीपुर एमपी-एमएलए कोर्ट में एक मामले की पेशी पर पहुंचे थे। यहां मीडिया से बातचीत में पप्पू यादव ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग से धमकी मिलने पर कहा कि उन्हें लगातार धमकाया जा रहा है। गाजीपुर आते समय आज भी फोन पर धमकी मिली है। पप्पू यादव ने मीडिया के सामने अपने फोन में धमकी से भरे मैसेज दिखाते हुए कहा कि उर्दू में संदेश भेजे जा रहे हैं। मुझे मैसेज भेजकर कहा जा रहा है कि माफी मांग लो, नहीं तो मरना तय है।पप्पू यादव ने कहा कि वह डरने वाले नहीं हैं और सच बोलते रहेंगे।वह धर्म और जाति की राजनीति नहीं करते हैं।
पप्पू यादव ने दावा किया कि झारखंड और महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन की सरकार बनने जा रही है। झारखंड में हेमंत सोरेन दोबारा सत्ता में आ रहे हैं। पप्पू यादव ने कहा कि जिस तरीके से हेमंत सोरेन को मरवाने का प्रयास और राहुल गांधी को अपमानित करने का प्रयास किया गया। जनता सब जान गई है। पप्पू यादव ने चुनाव आयोग को भाजपा का दफ्तर करार दे दिया। साथ ही कहा कि जिस तरीके से यूपी में चुनाव के दौरान आईकार्ड देखा गया है उससे अंदाजा लगाया जा सकता है।
गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में गुरुवार को बिहार के पूर्णिया के बाहुबली सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव पेश हुए।सुनवाई के दौरान अपर सत्र न्यायाधीश शक्ति सिंह ने पप्पू यादव को एक घंटे कोर्ट के कटघरे में खड़ा रखा। पप्पू यादव के वकील ने जब प्रार्थना पत्र दिया तो 50 हजार के मुचलके पर पप्पू यादव को रिहा किया गया। मुकदमे की अगली सुनवाई 4 दिसंबर को होगी।सुनवाई से लगातार गैर हाजिर रहने पर एमपी-एमएलए कोर्ट ने पप्पू यादव समेत 11 लोगों के खिलाफ 22 अक्टूबर को गैर जमानती वारंट जारी किया था।
बता दें कि 8 नवंबर 1993 को यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान पप्पू यादव और उमेश पासवान बक्सर बिहार की तरफ से गाजीपुर आ रहे थे। मुहम्मदाबाद विधानसभा में शहनिंदा चौकी के पास पप्पू यादव की गाड़ियों के काफिले को पुलिस ने रोक लिया। इसे लेकर उनकी पुलिस से नोकझोंक हुई।
मुहम्मदाबाद थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष वीएन सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था। थानाध्यक्ष वीएन सिंह को इनपुट मिला था कि बिहार के दो विधायक पप्पू यादव और उमेश पासवान अपने साथ बड़ी संख्या में अवांछनीय तत्वों कै लेकर उत्तर प्रदेश में अपने विरोधी राजनीतिक दलों के चुनाव सभाओं में गड़बड़ी पैदा करने के लिए उजियार घाट की ओर से होते हुए गाजीपुर में एंट्री करने वाले हैं।इस पर थानाध्यक्ष वीएन सिंह पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने काफिले को रोका, तो पप्पू यादव जाम लगाकर बैठ गए।
11 लोगों के खिलाफ थानाध्यक्ष वीएन सिंह आचार संहिता का मुकदमा दर्ज कराया था।
इस मामले में पुलिस ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में चार्जशीट पेश की। जहां से सभी आरोपियों को 31 जुलाई, 2023 को बरी कर दिया गया था।इसके बाद जिला शासकीय अधिवक्ता कृपाशंकर राय ने आदेश के खिलाफ जिला जज की अदालत में 6 सितंबर 2023 को अपील दाखिल की। जिला जज की अदालत ने इस मामले को एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई के लिए भेज दिया था। जहां पर बहस चल रही है।एक साल से आरोपियों की तरफ से कोर्ट में कोई उपस्थित नहीं हुआ। 6 सितंबर 2023 को दाखिल याचिका के बाद हुई कई सुनवाई में पप्पू यादव समेत कोई आरोपी कोर्ट में पेश नहीं हुए। इस पर कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए 22 अक्टूबर को पप्पू यादव सहित 11 लोगों के विरुद्ध गैरजमानती वारंट जारी करते हुए 4 नवंबर को सुनवाई तय की थी। इस बीच 10 आरोपी इस मुकदमे में हाजिर हो गए और गैर जमानती वारंट निरस्त करा लिए,लेकिन पप्पू यादव हाजिर नहीं हुए थे।इस पर कोर्ट ने आदेश दिया कि पप्पू यादव की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए,लेकिन गिरफ्तारी नहीं हुई। इस पर कोर्ट ने मुहम्मदाबाद प्रभारी निरीक्षक को स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया था।