रिपोर्ट राजेश कुमार यादव
लखनऊ उत्तर प्रदेश
आज किसानों की स्थिति क्या हैं यह सब जगजाहिर हैं!लेकिन सोचनीय पहलू यह भी हैं कि आखिर किसान अपनी ज़मीनों को प्लॉटिंगों में क्यों बेच रहा हैं?देखा जाये तो खेती की दिशा और किसानों की दशा सुधारने के लिए अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है!बढ़ती जनसंख्या तथा फैलते शहरों ने जोत की जमीन तेजी से घटा दी है,नई कालोनियों और हाईवे ने उपजाऊ जमीन को लील लिया है,ऐसे में अनाज पैदा करना असंभव है!फसल खराब होने पर बीमा कंपनियां भी दावे पर गंभीरता से विचार नहीं करती हैं!दूसरी तरफ लागत बढ़ने से किसान कर्ज में डूब जाता है,हाईवे निर्माण के समय चाहे जमीन थोड़ी ज्यादा अधिग्रहीत की जाए पर जल निकास का उचित प्रबंधन किया जाना चाहिए,फसलों के लाभकारी दाम किसानों को मिलें,खाद-बीज और पानी सही समय पर दिए जाएं।तभी किसान खुशी से खेती कर सकता हैं नही तो ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले समय मे किसान खेती से दूर हो जाएगा जिसका खामियाजा हम सबको भुगतना पढ़ सकता है।