युवा शक्ति से बनेगा स्वस्थ समाज: डॉ. अभिनव कुमार मिश्रा

A G SHAH . Editor in Chief
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रिपोर्ट राजेश कुमार यादव 

गोरखपुर। नेहरू युवा केन्द्र गोरखपुर द्वारा "मेरा युवा भारत" अभियान के अंतर्गत बुधवार को गंगोत्री देवी महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गोरखपुर में नशीली दवाओं की लत और मादक द्रव्यों के सेवन पर जागरूकता और शिक्षा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को नशे की लत के दुष्प्रभावों से अवगत कराना और उन्हें स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में गोरखपुर के जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अभिनव कुमार मिश्रा और विशिष्ट अतिथि जिला युवा कल्याण अधिकारी श्री अमित सिंह उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. पूनम शुक्ला ने की।

कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर की गई। इसके पश्चात, मुख्य अतिथि डॉ. अभिनव मिश्रा ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा, "नशे की लत केवल व्यक्ति के जीवन को तबाह नहीं करती, बल्कि यह पूरे परिवार और समाज को प्रभावित करती है।" उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे नशे की ओर आकर्षित न हों और अपने जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयास करें। डॉ. मिश्रा ने यह भी कहा कि स्वस्थ समाज का निर्माण तभी संभव है जब हमारे युवा शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ हों। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि युवाओं की सकारात्मक ऊर्जा को सही दिशा में लगाना आवश्यक है, ताकि वे राष्ट्र निर्माण में योगदान दे सकें।

कार्यक्रम के दौरान नशा मुक्ति केंद्र के निर्देशक डॉ. सच्चितानंद एहसास ने कहा कि नशे की लत से बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि हम मानसिक और शारीरिक गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी निभाएं। उन्होंने बताया कि नशे के शिकार लोगों की काउंसलिंग उनके मानसिक स्वास्थ्य के आधार पर की जाती है और इस प्रक्रिया में परिवार की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। डॉ. एहसास ने यह भी बताया कि काउंसलिंग और परिवार का समर्थन नशे की लत से ग्रस्त व्यक्ति को ठीक करने में अत्यंत सहायक होता है।

विशिष्ट अतिथि श्री अमित सिंह ने नेहरू युवा केन्द्र द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि "शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति ही एक स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकता है।" उन्होंने युवाओं को प्रेरित किया कि वे अपने जीवन को अनुशासित रखें और नशे जैसी बुराइयों से दूर रहकर अपने लक्ष्यों की प्राप्ति करें।

कार्यक्रम के समन्वयक अमन सिंह ने नशे को समाज का एक बड़ा प्रदूषण बताते हुए कहा कि यह न केवल व्यक्ति को विकृत करता है, बल्कि पूरे समाज की शांति और प्रगति को बाधित करता है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे इस सामाजिक बुराई के खिलाफ एकजुट हों और एक नशा मुक्त समाज के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएं।

कार्यक्रम में उपस्थित युवाओं ने नशे की लत और मादक द्रव्यों के सेवन पर अपने विचार भी साझा किए। युवाओं ने इस बात पर बल दिया कि ऐसे जागरूकता कार्यक्रम उनकी सोच को न केवल प्रभावित करते हैं, बल्कि उन्हें नशे जैसी सामाजिक बुराइयों से दूर रहने के लिए प्रेरित भी करते हैं।

कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय के व्यवस्थापक श्री आशुतोष मिश्रा ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा, "नशा हमारे समाज को जड़ से खोखला कर रहा है। यह हमारे युवा वर्ग को विकृत कर रहा है और उनकी जीवनशक्ति को नष्ट कर रहा है। अगर हम चाहते हैं कि हमारे समाज का भविष्य उज्ज्वल हो, तो हमें नशे की लत से लड़ने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।"

श्री मिश्रा ने इस बात पर जोर दिया कि नशा केवल व्यक्तिगत समस्या नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक सामाजिक संकट है। "जब कोई युवा नशे की लत में पड़ता है, तो उसकी पूरी क्षमता बर्बाद हो जाती है। उसके परिवार पर इसका गहरा नकारात्मक असर पड़ता है, और समाज एक संभावित प्रतिभा को खो देता है। हमें इस संकट को गंभीरता से समझना होगा और इसके खिलाफ मिलकर लड़ना होगा।"

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि शैक्षिक संस्थानों की जिम्मेदारी केवल शिक्षा तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि उन्हें विद्यार्थियों के नैतिक और सामाजिक विकास के प्रति भी जागरूक होना चाहिए। "शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य छात्रों को सही और गलत के बीच फर्क करना सिखाना और उन्हें समाज के प्रति अपने दायित्वों के प्रति जागरूक करना है।" उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे नशे से दूर रहें और अपने जीवन में उच्च नैतिक मूल्यों को अपनाएं।


श्री मिश्रा ने उपस्थित सभी छात्रों को शपथ दिलाई कि वे नशे से दूर रहेंगे और अपने साथियों को भी इसके प्रति जागरूक करेंगे। उन्होंने कहा, "यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम नशे जैसी सामाजिक बुराइयों से लड़ें और एक स्वस्थ, सशक्त और प्रगतिशील समाज का निर्माण करें।"

कार्यक्रम के दौरान विशेष अतिथियों का स्वागत स्मृति चिन्ह, अंग वस्त्र और बुके देकर किया गया। अंत में, महाविद्यालय के व्यवस्थापक श्री आशुतोष मिश्रा ने उपस्थित युवाओं को नशा मुक्त समाज के निर्माण में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाने की अपील की और उन्हें जागरूकता अभियान में शामिल होने का आह्वान किया।

इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. पूनम शुक्ला ने कार्यक्रम की सराहना की और कहा कि ऐसे कार्यक्रम समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का सशक्त माध्यम हैं। उन्होंने नशे के दुष्प्रभावों से युवाओं को बचाने के लिए और अधिक जागरूकता फैलाने पर जोर दिया।

कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. प्रियंका त्रिपाठी ने किया। इस अवसर पर मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. प्रत्या उपाध्याय भी मौजूद रहीं, जिन्होंने नशे के मानसिक और शारीरिक प्रभावों पर विस्तार से चर्चा की।

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