अयोध्या दीपोत्सव:दीए की लौ में उकरेगी भगवान राम की आकृती,सरयू तट पर होगा अनोखा फ्लेम शो,देश-दुनिया के श्रद्धालुओं का हो रहा है महाकुंभ

A G SHAH . Editor in Chief
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रिपोर्ट राजेश कुमार यादव

अयोध्या।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस साल भी रामनगरी अयोध्या का 8वां दीपोत्सव भव्य और दिव्य रूप से मनाने का निर्णय लिया है।दीपोत्सव को लेकर जोरों से तैयारियां चल रही है।इस साल दीपोत्सव इसलिए खास है क्योंकि इस साल भव्य राम मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्‍ठा के बाद पहली बार दीपोत्‍सव का आयोजन हो रहा है।

इस साल दीपोत्सव पर सरयू नदी के 55 घाटों पर 28 लाख दीयों को प्रज्वलित कर एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाने की जोरदार तैयारी हो रही है।इस साल दीपोत्सव सरयू तट पर पहली बार एक अमेरिकन फायर वन मशीन के जरिए एक नए तरह के शो का रामनगरी साक्षी बनने जा रही है। हर साल की तरह इस साल भी सरयू नदी के तट पर आसमान में लेजर शो का नजारा नजर आएगा।इस साल देश में पहली बार अमेरिकन तकनीकी वाले फायर वन मशीन के जरिए विशेष फ्लेम शो भी आप देख सकेंगे।इस शो में भगवान राम और उनसे जुड़ी विशेष आकृतियां दीपक के लौ से उकेरी जाएगी।सरयू पुल पर 15 सौ मीटर के फैलाव में होने वाले इस शो का नजारा चार से पांच किलोमीटर की दूरी तक लिया जा सकेगा।

विशेष राम धुन पर यह संगीतमय प्रस्तुति का आनंद दर्शक दस मिनट तक ले सकेंगे। 120 फीट से 600 फीट तक की ऊंचाई तक इस शो की आसमान में सीमा होगी।इसमें पटाखों की आवाज 70 डेसीबल से कम होगी। भगवान राम की दिव्य गाथाओं से सजी रामनगरी इस दिवाली एक असाधारण उत्सव की तैयारी कर रही है। 30 अक्टूबर की शाम को पुराने सरयू पुल पर आतिशबाजी, लेजर शो, फ्लेम शो और संगीत की धुनों से सजी एक भव्य प्रस्तुति होगी, जो सरयू नदी के आकाश और पानी को अद्भुत दृश्यों से रोशन कर देगी।

पुराने सरयू पुल पर ग्रीन एरियल फायर क्रैकर्स शो होगा। भगवान राम को समर्पित एक अद्वितीय थीमः दीपोत्सव 2024 का थीम भगवान राम के जीवन और उनके महान आदर्शों से प्रेरित है। 14 वर्षों के वनवास के बाद रामनगरी लौटने की भगवान राम की गाथा ही दिवाली के पर्व का मूल कारण है। इस शो में पारंपरिक और आधुनिक तत्वों को सुंदरता से जोड़ा जाएगा, जहां हर आतिशबाजी, हर संगीत की धुन और हर लौ अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक होगी।

इस शो की सबसे अद्भुत विशेषता होगी सरयू नदी की शांत लहरों पर आतिशबाजी और लेजर शो की चमकदार परछाइयां। रोशनी का यह जादू और भी बढ़ जाएगा, जिससे दर्पण जैसा प्रभाव पैदा होगा, जहां रात का आकाश रंगों के खूबसूरत मेल से नाचता दिखाई देगा। रोशनी और संगीत का यह संगम रामनगरी के आध्यात्मिक वातावरण को कैद करेगा, जिसमें भगवान राम की दिव्य ऊर्जा का अनुभव होगा। श्रद्धालुओं के भीतर एक अकल्पनीय ऊर्जा का संचार होगा।

दीपोत्सव के पीछे बहुत ही बारीक योजना और तकनीकी विशेषज्ञता है। 30 प्रशिक्षित पेशेवरों और कुशल पायरो तकनीशियनों की एक टीम इस शो को जीवंत करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। वर्षों के अनुभव से लैस यह टीम जटिल पायरों-म्यूजिकल शो को अंजाम देने में माहिर है और इसकी गारंटी देती है कि हर पल दर्शकों के दिलों में जादू भर देगा।


प्रशासन की ओर से दूरदर्शन समेत अन्‍य सोशल मीडिया प्‍लेटफार्म पर दीपोत्‍सव के लाइव प्रसारण की तैयारी की जा रही है।इस बार रामनगरी में देश-दुनिया के साधु-संतों का समागम देखने को मिलेगा।दूर-दूर से श्रद्धालु इस अवसर का साक्षी बनने के लिए रामनगरी पहुंच रहे हैं।।।

दीपोत्सव में छह देशों के कलाकार रामलीलाओं का मंचन करेंगे,उसमें थाईलैंड,कंबोडिया,इंडोनेशिया,म्यांमार,मलेशिया और नेपाल के कलाकार हिस्सा लेंगे।इसमें आईसीसीआर का सहयोग लिया जाएगा।देश के 16 राज्यों के कलाकार अपनी संस्कृति से अवगत कराएंगे,जिसमें जम्मू-कश्मीर,उत्तराखंड, हरियाणा, मध्य प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र, असम, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, राजस्थान, बिहार, चंडीगढ़, सिक्किम, छत्तीसगढ़ के कलाकार भी सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे।गुप्तार घाट,बड़ी देवकाली, तुलसी उद्यान, हनुमानगढ़ी, रामपथ, रामकथा पार्क, सरयू तट, राम की पैड़ी आदि स्थानों पर देश-विदेश के कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा।

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