पीएम नरेंद्र मोदी से हारकर भी खुश हैं अजय राय, बनाया नया रिकॉर्ड

A G SHAH . Editor in Chief
0


रिपोर्ट साधना सिंह एडवोकेट मीडिया सलाहकार*

वाराणसी 

लोकसभा चुनाव 2024 में वाराणसी लोकसभा सीट से एक बार फिर से अजय राय पीएम मोदी से हार गए. हालांकि उनकी यह हार कई मायने में पार्टी समेत खुद उन्हें भी बड़ी राहत देने वाली रही. लगातार हार के बावजूद अजय राय का वोट प्रतिशत बढ़ता रहा है.

 वाराणसी लोकसभा सीट के लोकसभा चुनाव के नतीजों ने इस बार पूरे देश को चौंकाया है. काशी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जीते तो जरूर, लेकिन अजय राय की हार की चर्चा सबसे अधिक हो रही है. इसकी वजह है पीएम मोदी की वोटों की जीत का अंतर कम होना, और अजय राय का वोट प्रतिशत बढ़ना. इस बार मोदी की जीत का मार्जिन. 1,52,513 रहा. जबकि पीएम मोदी को रिकॉर्ड वोटों से जिताने के लिए भाजपा ने पूरा जोर लगा दिया था. वहीं कांग्रेस नेता अजय राय अपनी हार से भी खुश हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जबरदस्त टक्कर दी है. 73 साल में ऐसा पहली बार हुआ है.

वराणसी सीट पर 73 साल में ऐसा पहली बार हुआ है जब लगातार तीन बार लोकसभा चुनाव हारने के बाद भी कांग्रेस के खाते में अधिक वोट प्रतिशत आया है. कांग्रेस को बनारस में हर वर्ग का वोट मिला है, जबकि भाजपा का परंपरागत वोटर भी इस बार कांग्रेस की ओर चला गया या फिर वोट देने के लिए निकला ही नहीं है. ये वही अजय राय हैं जो साल 2009 से लोकसभा चुनाव जीतने की कोशिश कर रहे हैं. साल 2014 और 2019 में कांग्रेस के टिकट पर उन्होंने चुनाव लड़ा है. मगर उनकी हार ऐसी हुई कि जमानत जब्त हो गई. सवाल उठने लगे कि राय सिर्फ वोट काटने का काम कर रहे है।

वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत ने भारतीय जनता पार्टी के हिस्से में एक और रिकॉर्ड जोड़ दिया है. वाराणसी में साल 1952 से लेकर 2024 तक के चुनाव में वाराणसी सीट पर साल 1952 से आम चुनाव हो रहे हैं. तब से लेकर आज तक 17 चुनाव हो चुके हैं. इसमें से 1952, 1957, 1962, 1971, 1980, 1984 और 2004 का चुनाव कांग्रेस जीत सकी है. यानी कुल सात बार कांग्रेस ने वाराणसी सीट पर जीत हासिल की है. वहीं भाजपा ने 1991, 1996, 1998, 1999, 2009, 2014, 2019 और अब 2024 में जीत हासिल की है.

 ऐसे में भाजपा ने कुल 8 बार वाराणसी की सीट पर जीत दर्ज कर ली है.

कांग्रेस से ये प्रत्याशी दर्ज कर चुके हैं जीत : साल 1952, 1957, 1962, 1971, 1980, 1984 और 2004 तक वाराणसी के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है. इसमें से अधिक वोट से जीतने वाले प्रत्याशी में श्यामलाल का नाम आता है. वाराणसी सीट पर 1952 से 1966 तक कांग्रेस के सांसद रघुनाथ सिंह ने जीत दर्ज की थी. 1971 में पं. कमलापति त्रिपाठी, 1984 में श्यामलाल यादव और साल 2004 में डॉ. राजेश मिश्र चुनाव जीते थे. 1984 में श्यामलाल यादव ने 1,53,076 वोट से जीत दर्ज की थी. वहीं साल 1989 में श्यामलाल को 96,593 वोट मिले थे. इस दौरान वे दूसरे नंबर पर थे. उनके महज 22.44 फीसदी वोट मिला था. साल 2009 में राजेश मिश्रा को 66,386 वोट मिले थे.

 04 जून को आए चुनाव परिणाम ने यह तय कर दिया था कि अजय राय हार गए हैं. हालांकि वे चार राउंड तक आगे ही थे. बाद में वे पीछे होते चले गए. अजय राय को 4,60,457 वोट मिले हैं, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 6,12,970 वोट मिले हैं. अजय राय को मिले वोटों का प्रतिशत 40.47 रहा है. यह वाराणसी लोकसभा चुनाव में किसी कांग्रेस नेता को 73 साल बाद मिला सबसे अधिक वोट प्रतिशत है. साल 2004 के चुनाव में राय को 2,06,094 वोट मिले थे. साल 2014 में 75,614 वोट मिले थे, जोकि 7.34 प्रतिशत था. वहीं साल 2019 के लोकसभा चुनाव में अजय राय को 1,52,548 वोट मिले थे, जोकि 14.38 फीसदी था.।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Ok, Go it!
To Top