किसान की बेटी का कमाल, '11वीं फेल' बन गई डिप्टी कलेक्टर, फिल्मी है प्रियल यादव की कहानी

A G SHAH . Editor in Chief
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रिपोर्ट राजेश कुमार यादव

इंदौर। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) ने राज्य सेवा परीक्षा 2021 का अंतिम परिणाम घोषित किया। यूं तो टाप टेन में सात महिला अभ्यर्थियों ने जगह बनाई है, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा कभी 11वीं कक्षा में फेल होने के बावजूद अब डिप्टी कलेक्टर पद पर चयनित हुईं प्रियल की है।

इंदौर से की परीक्षा की तैयारी

छठा स्थान हासिल करने वालीं प्रियल यादव ने इंदौर से परीक्षा की तैयारी की। किसान परिवार से आने वाली प्रियल बताती हैं कि मैं 10वीं कक्षा तक टापर थी। रिश्तेदारों के दबाव में मैंने 11वीं कक्षा में भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और गणित को चुना, जबकि इन विषयों में मेरी रुचि नहीं थी। नतीजतन 11वीं में भौतिक विज्ञान में असफल रही। हालांकि यह मेरे शैक्षणिक जीवन की पहली और आखिरी विफलता थी।

जिला रजिस्ट्रार पद पर पदस्थ

प्रियल ने वर्ष 2019 में एमपीपीएससी परीक्षा में 19वीं रैंक हासिल की और जिला रजिस्ट्रार के पद के लिए चुनी गई। 2020 में 34वीं रैंक मिली और उन्हें सहकारी विभाग में सहायक आयुक्त का पद मिला। वर्तमान में वे इंदौर में जिला रजिस्ट्रार पद पर पदस्थ हैं।

आगे करेंगी यूपीएससी परीक्षा की तैयारी

उनके पिता किसान हैं और मां गृहिणी। वे ऐसे ग्रामीण इलाके से आती हैं, जहां लड़कियों की शादी कम उम्र में हो जाती है। किंतु उनके माता-पिता ने शादी के बजाय पढ़ाई करने की पूरी स्वतंत्रता दी। अब प्रियल डिप्टी कलेक्टर के रूप में काम करते हुए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा की तैयारी करेंगी।

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