जीएसटी के नाम पर लोगों को सताना बर्दाश्त नहीं : सर्वोच्च न्यायालय जीएसटी विभाग द्वारा व्यापारियों को नोटिस देकर गिरफ्तारी की धमकी पर सर्वोच्च न्यायालय के दखल का देश के व्यापारियों ने किया स्वागत : शंकर ठक्कर

A G SHAH
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मुम्बई/नई दिल्ली

ललित दवे

अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) महाराष्ट्र प्रदेश के महामंत्री शंकर ठक्कर ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की पीठ ने जीएसटी विभाग द्वारा व्यापारियों को नोटिस देकर गिरफ्तारी की धमकी जैसे मामलों को अनुचित ठहराने के आदेश का देश भर के व्यापारियों ने स्वागत किया है। सर्वोच्च न्यायालय के जस्टिस संजीव खन्ना ,जस्टिस एमएम सुंदरेश एवं जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की विशेष पीठ ने निर्देश देते हुए कहा कि जीएसटी अधिनियम , सीमा शुल्क अधिनियम और पीएमएलए के विभिन्न प्रावधानों को चुनौती देने वाली 281 याचिकाओं की सुनवाई करते हुए कहा की नोटिस द्वारा व्यापारियों को गिरफ्तारी की धमकी देकर किया जा रहा उत्पीड़न अनुचित है इस पर अंकुश लगना चाहिए।

जीएसटी विभाग एक जटिल समस्या बन गया है इसका सरलीकरण अति आवश्यक है व्यापारियों को आए दिन तरह-तरह के नोटिस दिए जा रहे हैं जिससे व्यापारी तनावग्रस्त रहते है। जबकि व्यापारी ईमानदारी के साथ जीएसटी कर जमा कर सरकार के राजस्व की तिजोरी को मालामाल कर रहा है। ऊपर से नोटिस देकर गिरफ्तारी का डर दिखा कर व्यापारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है जो अनुचित है यदि इस प्रकार व्यापारियों को परेशान करने की परंपरा पर अंकुश नहीं लगा तो देश का व्यापारी जीएसटी विभाग के खिलाफ आंदोलन करने पर मजबूर होगा।

महासंघ के महामंत्री तरुण जैनने कहा कि शीघ्र ही वित्त मंत्री को उच्च न्यायालय के इस निर्देश का संज्ञान लेकर अधिकारियों के द्वारा व्यापारियों के हो रहे उत्पीड़न पर रोक लगानी चाहिए अन्यथा व्यापारियों के पास आंदोलन के अलावा कोई भी चारा नहीं बचेगा।

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