राजेश कुमार यादव की कलम से
कम उम्र में हार्ट अटैक से मौत को आप क्या कहेंगे!आज देश भर में कम उम्र के लोगों की मौत अचानक हार्ट अटैक से हो रही हैं इससे भी बड़ी हैरानी की बात यह है कि कई मामलों में मरने वालों के दिल में किसी तरह के परेशानी होने के कोई संकेत मौजूद नहीं होते, बिना किसी लक्षण के युवा हार्ट अटैक की चपेट में आ जाते हैं डॉक्टर इसी बात से परेशान हैं कि जब किसी हार्ट से संबंधित कोई शिकायत नहीं रहती तो हार्ट अटैक से उनकी मौत अचानक क्यों हो जाती है!कभी राह चलते, कभी शादी में डांस करते, कभी जिम में तो कभी क्रिकेट खेलते हार्ट अटैक तो कभी नमाज़ पढ़ते हुए! नतीजा कुछ समय पहले तक बिल्कुल ठीक-ठाक आदमी की जान चली जा रही है!पिछले कुछ दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों में इस तरह के मामले काफी तेजी से बढ़े हैं शादी में नाचने के दौरान अचानक चक्कर आकर गिरने,कभी जिम करते व कभी चलते-चलते छींकने से मौत का वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है!अब सरकार को बढ़ते हार्ट अटैक के बढ़ते कारणों पर ध्यान देना चाहिए नहीं तो कहीं बहुत देर ना हो जाएं!यह वाकई में एक चिंता का विषय है!कुछ लोगों का मानना हैं कि यह या तो कोविड या इसके टीके के बाद हो रहा है! वायरस या इसके टीके ने गंभीर हेल्थ इश्यू कहीं पैदा तो नही किया है!लेकिन ये वाकई डरावना है! हाल के दिनों में हार्ट अटैक के मामलों बढ़े हैं!विशेष रूप से कोविड वैक्सीन के बाद!यह संयोग नहीं हो सकता!कारणों का पता लगाना सरकार की जिम्मेदारी हैं कि किन कारणों से यह अटैक आ रहें हैं!वही डॉक्टर अंसुल गर्ग का का कहना है कि कई बार अकसर,मरीज़ छाती में दर्द, एसिडिटी या पाचन संबंधी गड़बड़ी समझ कर अनदेखा कर देते हैं,जो गलत है!अगर चलने-फिरने के बाद किसी प्रकार की असुविधा महसूस हो रही हो ख़ासकर अगर आराम करने के बाद भी यह बना रहता है तो यह दिल की बीमारी हो सकती है और इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए!इस पर तुरंत ध्यान दिए जाने की ज़रूरत है!उन्होंने कहा हैं कि समय पर इलाज करने से हृदय रोग को रोका जा सकता है इसके अलावा उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य भोजन, ताज़ा फल और सब्जियां खाने से,रोजाना व्यायाम और तनावरहित जीवन जीने से भी इसे रोका जा सकता है लाइफस्टाइल में बदलाव जैसे तनाव घटाकर, नियमित चेकअप (ख़ासकर लिपिड प्रोफाइल) और दवाइयों का प्रयोग बेहद महत्वपूर्ण है।