अजब गजब बहुत मुश्किल था गुफा में पहुंचना...... जब किसी तरह अंदर पहुंचे साइंटिस्ट, नजारा देख पैरों तले खिसकी जमीन

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रिपोर्ट राजेश कुमार यादव


सेंट मार्सल eSctvNews

वैज्ञानिक उच्च तकनीक वाले उपकरणों की मदद से एक भूमिगत गुफा में एक दुर्गम बिंदु तक पहुंचने में कामयाब रहे, लेकिन वे यह देखकर हैरान रह गए कि वहां पहले भी लोग रह चुके हैं. उन्हें पता चला कि हजारों साल पहले लोग ना केवल यहां पहुंच चुके थे बल्कि इसमें कुछ निर्माण भी किया था.


एक गुफा का सिस्टम ऐसा है जिसके एक हिस्से में वैज्ञानिक कई सालों से पहुंचने का प्रयास कर रहे थे. आखिरकार उन्हें सफलता मिली, लेकिन इससे सवालों को जवाब तो कम मिले, लेकिन कई और हैरान करने वाले सवाल जरूर पैदा हो गए. उन्हें पता चला कि मनुष्यों ने तो इस रहस्यमय 40 मील लंबी भूमिगत गुफा प्रणाली की खोज 8000 साल पहले ही कर ली थी. लेकिन वे वहां पहली बार कैसे पहुंचे, यह वैज्ञानिकों को चकित कर रहा है. 

फ्रांस में सेंट-मार्सेल गुफा के आसपास के प्रवेश द्वार पर मध्य पुरापाषाण युग से ही लोगों का कब्जा रहा है, लेकिन अब इस बात के प्रमाण मिले हैं कि क्रूर इलाके से अवरुद्ध गुफाओं के गहरे हिस्सों की भी लोगों ने खोज की है. फ्रेंच नेशनल सेंटर फॉर साइंटिफिक रिसर्च (सीएनआरएस) के भू-आकृतिविज्ञानी जीन-जैक्स डेलानॉय के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने प्रवेश द्वार से लगभग एक मील पहले टूटे हुए स्टैलेग्माइट्स पाए, जो लोगों की उपस्थिति की ओर इशारा करते हैं. 

शक्तिशाली रोशनी, उच्च तकनीक सुरक्षा उपकरण और परिष्कृत गियर सभी टीम के लिए उपलब्ध थे लेकिन इनमें से कुछ भी उन लोगों के लिए नहीं था जिन्होंने अतीत में इसे आवागमन किया था. वे वहाँ कैसे गए? और वे फिर कैसे बाहर निकले? इसी पहेली ने अब वैज्ञानिकों को परेशान किए हुए था.

पीएनएएस से बात करते हुए, डेलानॉय ने कहा कि तथ्य यह है कि संरचनाएं लगभग 8,000 साल पुरानी हैं, असाधारण है. यह उस प्रागैतिहासिक काल में गुफाओं के ज्ञान, शाफ्ट का पता लगाने और पार करने की उनकी क्षमता और प्रकाश व्यवस्था की उनकी महारत पर सवाल उठाता है. टीम को फर्श पर टूटे हुए खनिज भंडार ने उन्हें हैरत में डाल दिया. 

साइंस अलर्ट की रिपोर्ट के अनुसार, गुफा के टुकड़ों को तोड़ना अक्सर गुफा खोजकर्ताओं के लिए ट्रॉफी के रूप में माना जाता है. विशेष रूप से 19वीं शताब्दी में, और यह माना गया था कि ये टूटे हुए स्टैलेग्माइट्स ऐसे लोगों का काम थे. लेकिन डेलानॉय और उनकी टीम द्वारा प्राचीन उपस्थिति के अतिरिक्त सबूत पाए जाने से यह सवाल खड़ा हो गया है कि इस जगह में प्रवेश कैसे किया गया होगा.


शोधकर्ताओं ने यूरेनियम-थोरियम डेटिंग नामक तकनीक का उपयोग करके यूरेनियम और थोरियम के अनुपात का भी विश्लेषण किया. यूरेनियम घुलनशील है लेकिन इसका एक क्षय उत्पाद थोरियम नहीं है. क्षय दर निश्चित और ज्ञात है ताकि वैज्ञानिक पता लगा सकें कि यूरेनियम कब हटाया गया था. 

सबसे पुराना टूटा हुआ शीर्ष 10,000 साल पहले और सबसे हालिया 3,000 साल पहले टूटा था. लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि बड़ी संख्या में टूटे हुए टुकड़े जानबूझकर एक संरचना बनाने के लिए बिछाए गए थे. वैज्ञानिकों का मानना है कि यह संरचना 8,000 साल पहले बनाई गई थी, जिससे यह नतीजा निकला कि इसे संभव मानने से बहुत पहले ही लोग वहां मौजूद थे.

शोधकर्ताओं ने अपने पेपर में लिखा कि सेंट-मार्सेल की गुफा में प्रागैतिहासिक मानव गतिविधि के साक्ष्य निर्णायक हैं. अध्ययन के परिणाम सेंट-मार्सेल गुफा नेटवर्क को देखने के तरीके को बदल रहे हैं, जिससे उन्हें प्रागैतिहासिक उपयोग से जुड़ा एक सांस्कृतिक आयाम मिल रहा है ... सेंट-मार्सेल गुफा के परिणाम हमें इन समाजों, गुफाओं के उपयोग पर एक नए तरीके से नजर डालने के लिए आमंत्रित करते हैं , जिसे अब तक प्रवेश क्षेत्रों, गहरे भूमिगत परिदृश्यों के साथ उनके जुड़ाव और संबंधित प्रतीकात्मक आयामों तक ही सीमित माना जाता रहा है.  Sctvnews

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