धोखाधड़ी के मामले में महिला को मिली जमानत

A G SHAH . Editor in Chief
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रिपोर्ट साधना सिंह एडवोकेट मीडिया सलाहकार

वाराणसी। युवती को बहला-फुसलाकर राजस्थान ले जाकर धोखाधड़ी कर उसकी शादी करा देने के मामले में महिला आरोपित को कोर्ट से राहत मिल गयी। फास्टट्रैक कोर्ट (द्वितीय) सुनील कुमार की अदालत ने मटेहरा, बलुआ (चंदौली) निवासिनी चंदा देवी को एक-एक लाख रुपए की दो जमानतें एवं बंधपत्र देने पर रिहा करने का आदेश दिया। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अनुज यादव, संदीप यादव व कृष्णा यादव ईलू ने पक्ष रखा।

अभियोजन पक्ष के अनुसार वादिनी ने सारनाथ थाने में 6 मई 2024 को प्राथमिकी दर्ज करायी थी। आरोप था कि उसकी बेटी को दो अक्टूबर 2005 को विक्की जैसवाल उर्फ रोहित के साथ राजस्थान चली गयी थी। जहां पर उसकी बेदी को विक्की उर्फ रोहित ने अपने चार-पांच अन्य साथियों के साथ मिलकर धोखाधड़ी कर उसकी शादी करा दी थी। इसकी जानकारी जब उसकी बेटी ने उसे दी तो वह यहां से राजस्थान गयी और वहां पर लोकल थाने की मदद से अपनी बेटी को वापस लेकर आयी थी। विक्की उर्फ रोहित के द्वारा उसकी बेटी को वहला-फुसलाकर तथा धोखाधड़ी कर सुनियोजित तरीके से पहले से ही तय रणनीति के तहत चार-पांच लोग राजस्थान ले गये थे। इस मामले में विवेचना के दौरान आरोपिता का नाम प्रकाश में आने पर पुलिस ने उसे आरोपित बनाया था और गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से दलील दी गयी कि वादिनी द्वारा दी गयी तहरीर में 2 अक्टूबर 2005 को अपनी बेटी को विक्की जैसवाल उर्फ रोहित के साथ राजस्थान चली जाने का कथन किया गया है, लेकिन वर्ष 2005 से वर्ष 2023 के बीच वादिनी द्वारा कहीं कोई सूचना नहीं दी गयी। साथ ही वादिनी की प्रथम सूचना रिपोर्ट में जो भी आरोप है वे केवल विक्की जैसवाल उर्फ रोहित के विरुद्ध है। सम्पूर्ण प्रथम सूचना रिपोर्ट में प्रार्थिनी के नाम व प्रार्थिनी द्वारा किसी प्रकार के अपराध का कोई उल्लेख नहीं है। अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आरोपिता की जमानत अर्जी मंजूर कर ली।

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