मुम्बई/नई दिल्ली
ललित दवे
कॉन्फडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) महाराष्ट्र प्रदेश के महामंत्री एवं अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने बताया वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन ने लुधियाना में व्यापारियों के साथ हुई एक बैठक में आश्वासन दिया कि उद्यमों के लिए कर राहत सुलभ रहेगी। हालाँकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह राहत समय पर भुगतान पर निर्भर होगी। जिससे यह सुनिश्चित होता है कि वर्तमान भुगतान कार्यक्रम का पालन करते हुए व्यवसायों को लाभ हो।
एमएसएमई प्रतिनिधियों ने कहा नई धारा 43 B (H) से डर है कि इस प्रावधान के कारण बड़े खरीदार एमएसएमई आपूर्तिकर्ताओं के प्रति उदासीन रुख अपना सकते हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि अगर उद्योग चाहे तो केंद्र सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए 45-दिवसीय भुगतान नियम पर पुनर्विचार करने को तैयार है।
सीतारमण ने कहा कि यदि एमएसएमई को विस्तारित भुगतान अवधि की आवश्यकता है, तो वे "आगामी जुलाई बजट में विचार" के लिए अभ्यावेदन प्रस्तुत कर सकते हैं।
सीतारमण ने कहा, "अगर एमएसएमई, उद्योग को लगता है कि वे यह संशोधन नहीं चाहते हैं और इसे आपस में सुलझा लेंगे, और इस मार्ग को बदलना चाहते हैं, तो अभ्यावेदन प्रस्तुत करें और निश्चित रूप से जुलाई के बजट में हम इस दिशा में काम करेंगे।"
वित्त अधिनियम 2023 के माध्यम से पेश किए गए आयकर अधिनियम की धारा 43 बी (एच) के अनुसार, यदि कोई बड़ी कंपनी एमएसएमई को समय पर भुगतान नहीं करती है - लिखित समझौतों के मामले में 45 दिनों के भीतर वह उस खर्च को अपनी कर योग्य आय से नहीं काट सकती है।
एमएसएमई को डर है कि इस प्रावधान के कारण, बड़े खरीदार एमएसएमई आपूर्तिकर्ताओं के प्रति उदासीन हो सकते हैं और या तो उन एमएसएमई से खरीदारी शुरू कर सकते हैं जो उदयम के साथ पंजीकृत नहीं हैं या गैर-एमएसएमई से। यह स्वीकार करते हुए कि धारा 43बी(एच) ने एमएसएमई और बड़े व्यवसायों दोनों के बीच कुछ आशंकाएं पैदा की हैं।