रिपोर्ट राजेश कुमार यादव
नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर एक खुशखबरी मिली है। इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी IMF ने भारत के विकास दर के अनुमान को 6.5 फीसदी से बढ़ाकर 6.8 फीसदी कर दिया है। इससे पहले जनवरी में IMF ने भारत के विकास दर को लेकर 6.5 फीसदी वृद्धि का अनुमान लगाया था।
भारत ने दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी स्थिति बरकरार रखी है और चीन को पीछे छोड़ दिया है, जिसकी इसी अवधि के दौरान 4.6 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है।
IMF के मुताबिक घरेलू डिमांड में मजबूती और काम करने वाली आबादी के बढ़ने के कारण भारत के आर्थिक विकास में ये मजबूती देखने को मिल रही है। IMF ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत के आर्थिक विकास के ग्रोथ अनुमान को बढ़ाकर 7.8 फीसदी कर दिया है जो सरकार के खुद के अनुमान 7.6 फीसदी से ज्यादा है।
2025 के लिए IMF ने अपने ग्रोथ अनुमान में कोई बदलाव नहीं किया है और 6.5 फीसदी ग्रोथ रेट रहने का अनुमान जताया गया है। IMF ने 2024 में भारत में महंगाई दर 4.6 फीसदी और 2025 में 4.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। आईएमएफ का अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक के 4.5 फीसदी के अनुमान से थोड़ा ज्यादा है।
IMF ने वैश्विक विकास दर 3.2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है। इससे पहले ये अनुमान 3.1 फीसदी था। इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड ने 2025 में भी वैश्विक विकास दर 3.2 ही रहने का अनुमान लगाया है। ये लगातार तीसरी बार है जब IMF ने ये समान अनुमान लगाया है।
IMF ने वैश्विक विकास दर बढ़ाने का श्रेय अमेरिका को दिया है। IMF के मुताबिक अमेरिका में मजबूत विकास देखने को मिल रहा है। यही वजह है कि अमेरिका के विकास दर को IMF ने 2.1 प्रतिशत पूर्वानुमान से बढ़ाकर 2.7 प्रतिशत कर दिया है।