माफिया अतीक और अशरफ की बेनामी संपत्ति का खुलासा,आठ हजार कमाने वाला सफाईकर्मी निकला आठ करोड़ का मालिक,मिले अहम सुराग

A G SHAH
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रिपोर्ट राजेश कुमार यादव

प्रयागराज।कुख्यात माफिया अतीक अहमद और उसके भाई माफिया अशरफ की बेनामी संपत्तियों का परत दर परत खुलासा हो रहा है।अतीक-अशरफ की एक और बेनामी संपत्ति का खुलासा हुआ है।अतीक-अशरफ ने अपनी कुछ प्रॉपर्टी सफाई कर्मी के नाम लिखवाई थी।अतीक और अशरफ की बेनामी संपत्तियों के लिए आठ हजार महीने कमाने वाले जिस सफाईकर्मी के नाम का इस्तेमाल किया गया वह आठ करोड़ की संपत्ति का मालिक निकला। उसके नाम नैनी, फूलपुर और हंडिया तहसील में बेशकीमती जमीनों का बैनामा कराए जाने के सबूत पुलिस के हाथ लगे हैं। फिलहाल पांच जमीनों के बारे में पता चला है। पुलिस इन संपत्तियों की जांच में जुट गई है।

एक दिन पहले ही नवाबगंज के करोली निवासी सफाईकर्मी श्याम जी सरोज का नाम तब चर्चा में आया जब उसने माफिया अतीक और अशरफ के चार करीबियों पर मुकदमा दर्ज कराया। आरोप लगाया कि इन चारों ने अतीक-अशरफ की बेनामी संपत्तियों का बैनामा उसके नाम पर कराया। उसे बंधक बनाकर जबरन दस्तखत करवाए गए और दोनों की मौत के बाद उक्त संपत्तियों का बैनामा करने का दबाव भी बनाया गया।

मुकदमा दर्ज कर पुलिस जांच पड़ताल में जुटी तो बहुत चौंकाने वाले खुलासे हुए।सूत्रों का कहना है कि श्याम जी सरोज के नाम पर फिलहाल पांच जमीनों का बैनामा कराने की बात पता चली।इनमें से तीन अरैल के मीरखपुर उपरहार, मवैया और दो जमीनें हंडिया और फूलपुर के सरायइनायत में स्थित हैं। इनकी मौजूदा बाजार के अनुसार कीमत आठ करोड़ आंकी गई है।

तीन साल पहले जब इन जमीनों का बैनामा कराया गया, तब श्याम जी सरोज आठ हजार महीने कमाता था। मामले में उसने अपने मालिक, माफिया के गुर्गों जावेद, उसके भाई कामरान व फराज अहमद खान निवासी जीटीबी नगर करेली व शुक्ला जी नाम के एक शख्स को नामजद कराया है।

जिन भी संपत्तियों से संबंधित जानकारी मिली है, उनके बारे में और जानकारी जुटाई जा रही है। राजस्व प्रशासन के सहयोग से इन सभी का भौतिक सत्यापन कराया जाएगा। इन संपत्तियों को अपराध से अर्जित संपत्ति मानकर इन्हें गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क भी कराया जाएगा। - दीपक भूकर डीसीपी नगर

श्याम जी सरोज ने पुलिस की पूछताछ में शुक्रवार को अन्य खुलासे भी किए। बताया कि आरोपियों ने उसके नाम पर आईसीआईसीआई बैंक में खाता खुलवा रखा था। साथ ही चेकबुक, एटीएम और पासबुक अपने कब्जे में रखे थे। ब्लैंक चेक पर दस्तखत करा लिए थे। साथ ही समय-समय पर उसके नाम एनआई एक्ट के तहत नोटिस भी भेजते रहते थे। उनका ऐसा करने का मकसद यह था कि अगर वह इधर-उधर भागने की कोशिश करे तो उसे कानूनी शिकंजे में फंसा सके।

यह है पूरा मामला

श्याम जी सरोज 15 साल से आरोपियों के घर पर रहकर साफ-सफाई का काम करता था। आरोप है कि इन लोगों ने अतीक अहमद और अशरफ के लिए डरा-धमका कर उसके नाम पर जिले में कई स्थानों पर जमीनों की रजिस्ट्री करा दी। इसमें उपरोक्त तीनों के साथ उनका शुक्ला जी नाम का एक साथी भी शामिल था। इस दौरान उसे कई दिनों तक होटल में बंधक बनाकर रखा गया।

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