सवा माह गुजरे हत्यारे नहीं पकड़ पाई पुलिस, आरोपित घूम रहे विदेश

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रिपोर्ट राजेश कुमार यादव

जबलपुर। रेलवे की मिलेनियम कालोनी में रेल कर्मी और उसके आठ साल के बेटी की जघन्य हत्या के आरोपित सवा माह बाद भी पकड़ से बाहर है। पूरे मामले में मृत रेल कर्मी की नाबालिग बेटी और उसका दोस्त मुकुल सिंह आरोपित हैं। घटना के बाद से दोनाें ही लापता है। अब उनके बंग्लादेश और नेपाल भागने की सूचना आ रही है हालांकि पुलिस ने अलग-अलग शहरों में 40 टीम तैनात की हुई है इधर नेपाल और बंग्लादेश की बार्डर पर भी पुलिस की टीम लगाई गई है। आरोपित ने पिछले कुछ दिनों में बैंक खाते से सवा लाख रुपये निकाले हैं जिसके बाद पुलिस ने आरोपित के खाते सीज करवा दिया है।

राजकुमार विश्वकर्मा और तनिष्क की हत्या कर दी गई थी

15 मार्च को मिलेनियम कालोनी निवासी राजकुमार विश्वकर्मा (52) और तनिष्क (8) की हत्या कर दी गई थी। राजकुमार रेल विभाग में कार्यालय अधीक्षक था। हत्या के बाद उनकी नाबालिग बेटी ने भोपाल निवासी चचेरी बहन को मोबाइल पर संदेश भेजा जिसमें उसने कहा था- पड़ोस में रहने वाले मुकुल ने पापा और भाई को मार डाला है।

रेल पुलिस के साथ पहुंची, तो घर के बाहर ताला लगा था

दोपहर करीब तीन बजे रेल पुलिस के साथ पहुंची, तो घर के बाहर ताला लगा था। पुलिस ने ताला तोड़ा तो रसोई में राजकुमार का शव पालीथिन में बंद खून से सना अवस्था में पड़ा था। वहीं, फ्रिज के अंदर पॉलीथिन के ऊपर चादर में लिपटी तनिष्क की खून से सनी लाश मिली। इस मामले में रेलकर्मी की 17 साल की बेटी का कोई पता नहीं चला। कालोनी के सीसीटीवी कैमरे में नाबालिग लड़की अपने दोस्त और आरोपित मुकुल सिंह (21) के साथ फरार हैं। पुलिस ने मप्र के अलावा कर्नाटक, बिहार,महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में पुलिस की टीम लगाई है।

पिता का एटीएम लेकर गई बेटी

नाबालिग बेटी घटना के बाद पिता का एटीएम और जेवर लेकर गई। वहीं मुकुल सिंह के दो बैंक खाते है जिसमें अधिक पैसा नहीं था। आरोपित ने अलग-अलग राज्यों के एटीएम से पैसे निकाले। एटीएम की लोकेशन से पुलिस पड़ताल कर रही है। आरोपित जहां भी पैसा निकालता है वहां मोबाइल बंद कर लेता है। पुलिस का दावा है कि मुकुल के पास अधिक पैसा नहीं है इसलिए वह अधिक देर तक बिना पैसों को नहीं रह सकता है।

नौकरी तलाशी कर्नाटक में

बैंक खाते सीज होने के बाद मुकुल रोजगार तलाशने लगा। कर्नाटक में कई जगह उसने नौकरी तलाशी लेकिन भाषा की समस्या के कारण उसे सफलता नहीं मिली। जिसके बाद वह विदेश की तरफ भागने की योजना बनाने लगा। पुलिस के मुताबिक आरोपित जानता है कि अगर भारत छोड़कर दूसरे देश चले गए, तो उन्हें पकड़ना आसान नहीं होगा। हाल में 20 अप्रैल को आरोपी की मोबाइल लोकेशन बिहार में नेपाल बॉर्डर पर मिली है। पुलिस की टीम पश्चिम बंगाल और नेपाल बॉर्डर पर भी तैनात की गई है। पुलिस का कहना है कि चूंकि दोनों ही देशों में जाने के लिए वीजा की जरूरत नहीं होती, इसलिए यहां जाना आसान है।

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