नोएडा में श्रीमद्भागवत कथा : श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन, गोवर्धन की हुई पूजा -

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रिपोर्ट राजेश कुमार यादव

नोएडा : सेक्टर-134 स्थित जेपी विश्व टाउन क्लासिक में श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन भी जारी रहा। व्यास राजेंद्रानंद सरस्वती ने श्रीकृष्ण की जन्म लीला और गोवर्धन पूजा से जुड़ी अनेक अद्भुत घटनाओं का वर्णन किया। श्रद्धालुओं ने भजनों पर मंत्रमुग्ध होकर नृत्य किया और भगवान की लीलाओं का आनंद लिया। कथा के अंत में गोवर्धन महाराज की झांकी की पूजा-अर्चना और आरती की गई। सभी कथाप्रेमियों को प्रसाद वितरित किया गया। इसकी जानकारी श्री गौरी शंकर वैदिक धर्मार्थ ट्रस्ट के राष्ट्रीय महासचिव भानू प्रताप लवानिया ने दी।

कथा का वर्णन

व्यास राजेंद्रानंद सरस्वती ने कृष्ण लीला का वर्णन करते हुए कई कथाएं सुनाईं। उन्होंने बताया कि कैसे नंदलाल के जन्म पर नं



द बाबा के घर उत्सव मनाया गया और बधाई देने वालों का तांता लग गया। जब कंस को पता चला कि देवकी का आठवां बच्चा पैदा हो गया है, तो उसने बच्ची को मारने की कोशिश की, लेकिन योगमाया ने आकाश में जाकर भविष्यवाणी की कि कृष्ण गोकुल में पैदा हो चुके हैं। कंस ने सभी नवजात शिशुओं को मारने का प्रयास किया, लेकिन वह भगवान कृष्ण का बाल भी बांका नहीं कर पाया।

गोवर्धन पर्वत की पूजा

राजेंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि कंस ने भगवान कृष्ण को मारने के लिए राक्षसी पूतना को भेजा, जिसने वेश बदलकर कृष्ण को जहरीला दूध पिलाने की कोशिश की, लेकिन भगवान ने उसे मौत के घाट उतार दिया। कार्तिक मास में ब्रजवासियों ने इंद्र की पूजा करने की तैयारी की, लेकिन भगवान कृष्ण ने उन्हें गोवर्धन पर्वत की पूजा करने को कहा। इससे क्रोधित होकर इंद्र ने भारी वर्षा की, जिससे ब्रजवासी परेशान हो गए। तब भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा अंगुली पर उठा लिया और सभी लोगों को उसके नीचे आश्रय दिया। एक सप्ताह बाद इंद्र हार गया और वर्षा बंद हो गई।

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