जलियांवाला बाग हत्याकांड

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राजेश कुमार यादव की कलम से 

13 अप्रैल 1919 को, डॉ. सत्यपाल और डॉ. सैफुद्दीन किचलू की गिरफ्तारी का विरोध करने के लिए पंजाब के अमृतसर के जलियांवाला बाग में एक बड़ी भीड़ शांतिपूर्ण तरीके से एकत्रित हुई। अमृतसर के सैन्य कमांडर कर्नल रेजिनाल्ड डायर ने अपने सैनिकों के साथ बाग को घेर लिया, गेट बंद कर दिए और शांतिपूर्ण सभा पर गोली चलाने का आदेश दिया। वहाँ नरसंहार हुआ। सैकड़ों लोग मारे गए और हज़ारों घायल हुए। इस घटना को जलियांवाला बाग हत्याकांड के नाम से जाना जाता है। इसने लोगों में सदमे और भय की लहर दौड़ा दी।

रवींद्रनाथ टैगोर ने विरोध में अपनी नाइटहुड - अंग्रेजों द्वारा उन्हें दी गई सम्मान की उपाधि - को त्याग दिया।

गांधी ने दक्षिण अफ्रीकी सरकार द्वारा उन्हें दिया गया कैसर-ए-हिंद पदक लौटा दिया।

महत्वपूर्ण तिथि 

रॉलेट अधिनियम - फरवरी, 1919

हंटर आयोग - 14 अक्टूबर, 1919

कांग्रेस अधिवेशन - दिसंबर, 1919 (अमृतसर)

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