20 रुपये में इलाज करने वाले जबलपुर के इन डॉक्टर के पीएम मोदी भी हैं मुरीद, तारीफ में कही ये बात

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रिपोर्ट राजेश कुमार यादव

जबलपुर : महज 20 रुपये की फीस में आम लोगों का इलाज करने वाले जबलपुर के एमबीबीएस डॉक्टर (कैप्टन) मुनीश चंद्र डावर के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मुरीद हो गए हैं. कल रविवार (7 अप्रैल) को अपने जबलपुर दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने एयरपोर्ट पर न केवल डॉ. डावर से भेंट की बल्कि अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर फोटो पोस्ट करते हुए उनकी तारीफ भी की. हाल ही में भारत सरकार ने डॉक्टर मनीष चंद्र डावर को पद्मश्री से भी नवाजा था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जबलपुर के अनोखे एमबीबीएस डॉ. मनीष चंद्र डावर के लिए क्या लिखा है. उन्होंने एक्स पर डॉ डावर की फोटो पोस्ट करते हुए लिखा, "जबलपुर में उतरने पर, मुझे हवाई अड्डे पर पद्मश्री से अलंकृत और सम्मानित चिकित्सक डॉ. एम.सी. डावर से मिलने का अवसर मिला. जबलपुर और आस-पास के इलाकों में कई लोग गरीब और वंचित वर्गों के इलाज के लिए उनके प्रयासों की प्रशंसा करते हैं."

बता दें कि साल 2023 में भारत सरकार ने डॉक्टर मुनीश चंद्र डावर को पद्मश्री से अलंकृत किया था. डॉ डावर भारतीय सेना में कैप्टन के पद पर तैनात थे. 1971 की भारत-पाकिस्तान जंग के दौरान डॉ एम सी डावर की पोस्टिंग बांग्लादेश में की गई. वहां डॉ. डावर ने सैकड़ों घायल जवानों का इलाज किया. जंग खत्म होने के बाद स्वास्थ्य समस्याओं के चलते उन्हें समय से पहले रिटायरमेंट ले लिया. इसके बाद 1972 से उन्होंने जबलपुर के मदन महल इलाके में छोटी से क्लिनिक खोलकर अपनी प्रैक्टिस शुरू की.

डॉ. डावर का जन्म आज के पाकिस्तान में 1946 में हुआ था. डेढ़ साल की उम्र में ही उनके पिता का निधन हो गया था. परिवार के सहयोग से उन्होंने स्कूल की पढ़ाई पंजाब के जालंधर से की. बाद में मध्य प्रदेश के जबलपुर से उन्होंने एमबीबीएस (MBBS) की डिग्री हासिल की थी. डॉ. डावर ने एक इंटरव्यू में बताया था कि जब उन्होंने सेना में भर्ती के लिए एग्जाम दिया था, तब 533 उम्मीदवारों में से केवल 23 ही चयनित हुए थे. इनमें से 9वें नंबर पर उनका नाम था.

10 नवंबर 1972 डॉ. डावर के लिए यह दिन बेहद खास दिन था. इसी दिन जबलपुर में उन्होंने अपने पहले मरीज की जांच की थी. उन्होंने बताया की 1986 तक दो रुपए फीस लेते थे. इसके बाद उन्होंने तीन रुपये लेना शुरू कर दिया. 1997 में पांच रुपए और फिर 15 साल बाद 2012 में फीस 10 रुपए बढा दी. दो साल पहले नवंबर से उन्होंने 20 रुपये फीस लेना शुरू कर दिया.

डॉ. डावर पिछले 51 साल से हफ्ते में 6 दिन रोजाना 200 मरीजों का इलाज करते हैं. उनके पास तीन पीढ़ियों के मरीज हैं. कुछ मरीज तो कोई भी तकलीफ होने पर सालों से इन्हीं के पास आते हैं. ये मरीज केवल जबलपुर ही नहीं, बल्कि दूर-दराज के शहरों से भी आते हैं.

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