रिपोर्ट राजेश कुमार यादव
नई दिल्ली
शुक्रवार को रात आठ बजे चेन्नई के चेपक स्टेडियम में पहली गेंद फेंकने के साथ ही 17वें आईपीएल का आगाज हो जाएगा। 2008 से आईपीएल ने खेल की दुनिया में अपनी कद्दावर छवि बना ली है। ब्रांड फाइनैंस का कहना है कि बतौर ब्रांड आईपीएल की हैसियत 28 प्रतिशत उछल कर 10.7 अरब डॉलर तक पहुंच गई है।
आईपीएल का जलवा यह है कि खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय व घरेलू प्रतियोगिताओं को किनारे कर मोटी कमाई देने वाले इस टूर्नामेंट के लिए अपना दम-खम बचा कर रखते हैं। इस साल फरवरी में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को श्रेयस अय्यर और ईशान किशन को केंद्रीय अनुबंधों की सूची से बाहर करना पड़ा क्योंकि ये दोनों खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट न खेलकर आईपीएल की तैयारी कर रहे थे।
इस पूर मामले की जड़ें जमीन में गहरी उतरी हुई हैं। क्रिकेट प्रतियोगिताओं की समय सारणी इसके लिए जिम्मेदार है। आईपीएल के कुछ ही दिनों बाद जून में आईसीसी टी20 विश्व कप होना है, जिसके मैच कैरिबियन देशों और अमेरिका में खेले जाएंगे। इस साल का आईपीएल इसलिए भी खास है क्योंकि जिस खिलाड़ी का प्रदर्शन अच्छा रहेगा उसे टी20 विश्व कप के लिए टीम में जगह मिलना तय है।
कई मायनों में हम जिस दौर से गुजर रहे हैं आईपीएल उसका इशारा दे रहा है। पूर्व भारतीय कप्तान बिशन सिंह बेदी ने आईपीएल को ‘घोटाला’ करार दिया था। उन्होंने कहा था कि आईपीएल पैसे की हेराफेरी का जरिया बन चुका है। वेस्टइंडीज के पूर्व तेज गेंदबाज माइकल होल्डिंग आईपीएल से खासे नाराज लगते हैं।
होल्डिंग कहते हैं, ‘यह क्रिकेट तो है ही नहीं’। मगर जो भी हो,आईपीएल में लगने वाले पैसे और ब्रांड के रूप में इसकी मजबूती कह रहे हैं कि आने वाले वर्षों में इस टूर्नामेंट का दबदबा बढ़ता ही जाएगा।