रिपोर्ट राजेश कुमार यादव
गाजियाबाद : गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाना क्षेत्र की पुलिस ने मोबाइल लूटने वाले गिरोह के दो लुटेरों को पकड़ा है। पुलिस ने इनके कब्जे से 7 मोबाइल फोन और 7200 बरामद किए हैं। यह गैंग सड़क पर जा रहे लोगों से मोबाइल फोन लूट की वारदात को अंजाम देता था। पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि यह गैंग लूटे गए मोबाइल फोन का एक खास ऐप के माध्यम से फर्जी बिल बनाकर बेच देता था। लूट के जरिए कमाए गए पैसों को ये लोग आपस में बांट लिया करते थे।
यह है पूरा मामला
अपराध की दुनिया से जुड़े लोग टेक्नोलॉजी का भरपूर प्रयोग कर रहे हैं। गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाना क्षेत्र में मोबाइल लूटने वाला एक गैंग पुलिस के हत्थे चढ़ा है। पकड़े गए आरोपी मोना और राहुल ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वे दोनों सड़क पर बात करने वाले लोगों के फोन लूटकर भाग जाते थे। उनके गैंग में शामिल विक्की और जग्गा लूटे गए फोन के लिए ग्राहकों की तलाश करते थे। उनके गैंग में शामिल दो अन्य लव उपाध्याय और नीरज मिश्रा लूटे गए मोबाइल फोन के लिए ऐप के माध्यम से कूटरचित तरीके से बिल तैयार करते थे।
फर्जी बिल तैयार कर बेचते थे मोबाइल
ऐप के माध्यम से बनाए गए फर्जी बिल के माध्यम से उक्त फोन को बेच दिया करते थे। फोन बेचकर प्राप्त नकदी को ये लोग आपस में बांट लिया करते थे l इंदिरापुरम एसीपी स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि पकड़े गए सभी आरोपियों के पास से पुलिस ने 7 मोबाइल फोन और 7200 रुपये बरामद किए हैं। ये पहले भी मोबाइल लूट के केस में जेल जा चुके हैं। इस गैंग के मास्टरमाइंड मोनू पर गैंगस्टर एक्ट और आर्म्स एक्ट के अंतर्गत 8 मुकदमे थाना इंदिरापुरम में पंजीकृत है।
इन लोगों से लूटे थे मोबाइल फोन
एसीपी इंदिरापुरम ने बताया कि इन लोगों ने 8 फरवरी को शिवरात्रि के दिन सीएनजी पंप रोड़ से के पास एक युवती से उसका मोबाइल लूटा था। 12 मार्च को रात्रि के समय में पैसिफिक मॉल के पास से एक मोबाइल फोन व लगभग 20 दिन पहले स्वर्ण जयंती पार्क के पास से एक व्यक्ति का मोबाइल फोन लूटा था। एसीपी ने बताया कि 23 जनवरी को कैम्ब्रिज स्कूल के पास से भी एक मोबाइल फोन लूटने की वारदात को अंजाम दिया था। उन्होंने बताया कि 29 फरवरी को आम्रपाली विलेज सोसायटी के पास से एक मोबाइल फोन व एक मोबाइल फोन शिवरात्रि के दिन हनुमान मंदिर के पास से लूटा था।